यतेंद्र सिंह सोलंकी, Alirajpur. आलीराजपुर के सुरेंद्र उद्यान में दो दिवसीय आम महोत्सव का आयोजन किया गया है। आम महोत्सव में 100 से ज्यादा प्रजातियों के आमों का स्वाद मिलेगा। यहां मलिका, नुरजहा, नीलम, बाटली, वेनसी, देशी केसर और देशी हापुस आमों की प्रदर्शनी लगी है। आम महोत्सव में पूरे जिले के किसान अपने-अपने बगीचे में लगे आमों को लेकर आए हैं। आम महोत्सव में आमों की विभिन्न प्रजातियों की प्रदर्शनी के साथ-साथ आम से उत्पादित होने वाले उत्पाद, सामग्री और विभिन्न व्यंजनों की प्रदर्शनी भी लगाई गई है।
आम महोत्सव में छाए ये आम
आलीराजपुर के आम महोत्सव में मलिका, नुरजहा, नीलम, बाटली, वेनसी, देसी केसर, देसी हापुस जैसे आमों ने अपनी खुशबू और स्वाद से सबको लुभाया। लोगों ने इन आमों को बार-बार देखा।
उत्कृष्ट प्रदर्शनी करने वाले आम उत्पादक को मिलेगा पुरस्कार
आम महोत्सव में उत्कृष्ट प्रदर्शनी करने वाले आम उत्पादक किसान को पहला पुरस्कार 5 हजार, दूसरा पुरस्कार 3 हजार रुपए और तीसरा पुरस्कार 2 हजार रुपए के साथ शील्ड और प्रमाण पत्र दिया जाएगा। आम उत्पादों के व्यंजन की प्रदर्शनी को भी पहला पुरस्कार 1100 रुपए, दूसरा 751 रुपए और तीसरा 551 रुपए का पुरस्कार दिया जाएगा। आम महोत्सव में आम की विभिन्न प्रजाति के पौधे भी बांटे जाएंगे।
जिले के आमों को विशेष पहचान दिलाना आयोजन का उद्देश्य
आलीराजपुर के कलेक्टर राघवेन्द्र सिंह ने बताया कि आम महोत्सव के जरिए आलीराजपुर में उत्पादित होने वाले आमों को एक विशेष पहचान दिलाना इस महोत्सव का उद्देश्य है। उन्होंने जिले सहित अन्य जिलों के लोगों से आलीराजपुर आम महोत्सव में आकर आम की विभिन्न प्रजातियों को देखने और खरीदने की अपील की। आलीराजपुर के देसी आम को देशभर में पहचान दिलाने के लिए जिला प्रशासन ने एक अनूठी पहल की है। जिले में पहली बार आम महोत्सव का कार्यक्रम किया गया। इस कार्यक्रम करने का प्रशासन का उद्देश्य ये है की जहां देशभर अलग-अलग जगह के आम की पहचान है। वैसे ही आलीराजपुर का देसी आम पहचाना जाए। इसके साथ ही जिले के किसानों को इस स्वादिष्ट आम का सही मूल्य मिल सके।
आलीराजपुर में आम की 100 से ज्यादा प्रजातियां
आलीराजपुर में 100 से भी ज्यादा देसी आम की प्रजातियां पाई जाती हैं और इन सब आम के स्वाद भी अलग-अलग होते हैं। जिले में आम का सीजन डेढ़ महीने तक रहता है। प्रशासन की सोच है की ये देसी आम आलीराजपुर ही नहीं बल्कि मुंबई और दिल्ली जैसे बड़े शहरों के बड़े-बड़े स्टोर में बिकने जाएं। इसके लिए प्रशासन तैयारी कर रहा है।