Bhopal. मध्यप्रदेश में नगर निगम महापौर, नगर पालिका अध्यक्ष और नगर परिषद अध्यक्ष के चुनाव प्रत्यक्ष प्रणाली से होंगे। इन पदों के प्रत्याशियों को सीधे मतदान के जरिए जनता ही चुनेगी। इसी के साथ प्रदेश में नगरीय निकाय चुनाव को लेकर चल रहा सस्पेंस खत्म हो गया है।
बीजेपी कार्यालय में हुई बैठक के बाद फैसला
इस बारे में निर्णायक फैसला मंगलवार, 24 मई की रात प्रदेश बीजेपी कार्यालय में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा, प्रदेश संगठन महामंत्री हितानंद शर्मा और प्रदेश प्रभारी मुरलीधर राव की चर्चा के बाद लिया गया।
राज्यपाल को भेजा जाएगा अध्यादेश
महापौर, नगर पालिका और नगर परिषद अध्यक्षों के चुनाव प्रत्यक्ष प्रणाली से कराने के लिए सरकार नगर निगम अधिनियम 1956 और नगर पालिका अधिनियम 1961 में बदलाव करेगी। इसके लिए जरूरी अध्यादेश नए सिरे से मंजूरी के लिए राज्यपाल को भेजा जाएगा।
बीजेपी ने पलटा था कमलनाथ सरकार का अध्यादेश
कमलनाथ सरकार ने अप्रत्यक्ष प्रणाली से महापौर का चुनाव कराने का फैसला लिया था। लेकिन कांग्रेस सरकार गिरने के बाद जैसे ही सीएम शिवराज सत्ता में आए, उन्होंने कमलनाथ सरकार के फैसले को अध्यादेश से पलट दिया था। लेकिन अध्यादेश को विधानसभा में डेढ़ साल तक पेश नहीं किया गया था।
अप्रत्यक्ष प्रणाली से चुनाव के लिए बीजेपी सरकार ने आयोग को भेजा था पत्र
अध्यादेश की अवधि खत्म होने से पहले शिवराज सरकार ने मध्यप्रदेश नगर पालिक विधि (संशोधन) विधेयक 2021 को विधानसभा के बजट सत्र में पेश नहीं किया था। वहीं विधेयक को कैबिनेट से मंजूरी मिल चुकी थी। बीजेपी ने पिछले साल आयोग को लिखे पत्र में सरकार ने ये हवाला दिया था कि विधेयक को विधानसभा से मंजूरी नहीं मिलने की वजह से अप्रत्यक्ष प्रणाली से चुनाव हों लेकिन अब बीजेपी सरकार प्रत्यक्ष प्रणाली से महापौर, नगर पालिका और नगर परिषद अध्यक्ष का चुनाव कराना चाहती है।