Satna: 21 साल बाद फिर ओबीसी का महापौर, चार बार अनारक्षित वर्ग को मिल चुका मौका 

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Sachin Tripathi
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Satna: 21 साल बाद फिर ओबीसी का महापौर, चार बार अनारक्षित वर्ग को मिल चुका मौका 

Satna. सतना नगर पालिक निगम के मेयर की चेयर दो दशक बाद ओबीसी की झोली में चली गई। इस कुर्सी पर लंबे समय से सत्तारुढ़ दल का कब्जा रहा है। ओबीसी के लिए आरक्षण होने के साथ दो प्रमुख दलों के कई दावेदार भी सामने आ गए हैं। इन चेहरों में से किस पर पार्टियां दांव लगाएंगी अभी यह कहना मुश्किल है लेकिन लंबी फेहरिस्त में कुछ चेहरे खास हैं जिन्हे मेयर की चेयर तक पहुंचाने के लिए पार्टियां गुणा-भाग लगा रही हैं। नगर निगम के आरक्षण के इतिहास की बात करें तो महापौर पद के लिए 22 साल बाद अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) के खाते में गया है। इससे पहले वर्ष 2000 में इस सीट में ओबीसी वर्ग से स्वर्गीय बीएल यादव महापौर बने थे। उन्होने निर्दलीय चुनाव लड़ा था। स्वर्गीय यादव सतना के जाने-माने शिशु रोग विशेषज्ञ थे। यही नहीं महापौर के लिए अनारक्षित वर्ग को चार बार मौका मिला जिसमें पुरुष और महिला ने बराबरी के साथ कुर्सी संभाली लेकिन चेहरों की बात की जाय तो अनारक्षित वर्ग से पांच महापौर रहे। राजाराम त्रिपाठी, विमला पांडेय, पुष्कर सिंह तोमर, विष्णु त्रिपाठी और ममता पांडेय महापौर बनी। नगर निगम सतना ने कार्यवाहक महापौर भी देखा था। पुष्कर सिंह के विवादित कार्यकाल के बीच विष्णु त्रिपाठी को कार्यवाहक महापौर बनाया गया था। इसके बाद पुन: पुष्कर सिंह ने अपना कार्यकाल पूरा किया था। 



कांग्रेस से केवल एक, भाजपा से तीन बने 



27 साल पुरानी महापौर की व्यवस्था में भारतीय जनता पार्टी का दबदबा रहा। एक बार कांग्रेस और एक बार ही बहुजन समाज पार्टी को मौका मिला लेकिन कुर्सी विवादों में घिर गई। अंतत: महापौर को न्यायालय की शरण में जाना पड़ा। इसके बाद विवाद के बादल छटे और फिर भारतीय जनता पार्टी काबिज रही। वर्ष 1995 में पहली बार महापौर का पद सृजित किया गया जिसमें कांग्रेस के प्रत्याशी राजाराम त्रिपाठी महापौर बने। इसके बाद स्वर्गीय डॉ. बीएल यादव  ने निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में महापौर की कुर्सी संभाली। इनके बाद भाजपा की विमला पांडेय, बसपा के पुष्कर सिंह तोमर महापौर बने लेकिन तोमर विवादों में आ गए इसलिए भाजपा ने विष्णु त्रिपाठी को कुछ दिन के लिए महापौर बना दिया। इसके बाद तोमर फिर लौटे और अपने कार्यकाल के बाद ही हटे। यह कार्यकाल खत्म होने के बाद भाजपा की ममता पांडेय महापौर बनीं। 



भाजपा के टिकट पर बसपा की नजर 



करीब 12 वर्ष पहले सामान्य वर्ग से महापौर बना चुकी बहुजन समाज पार्टी एक बार फिर सतना नगर निगम की चाह रखती है। हाल में एक बड़ा सम्मेलन भी हो चुका है। बता दें कि  2010 में बहुजन समाज पार्टी  सामान्य वर्ग से महापौर दे चुकी है।  इसके उसे अपने लड़ाकों पर तो भरोसा है ही साथ ही पार्टी की नजर भाजपा के टिकट वितरण पर भी है। बसपा का मानना है कि सत्ता में होने के कारण भाजपा में टिकट की दौड़ में ओबीसी वर्ग के कई मजबूत दावेदार हैं। टिकट किसी एक को ही मिलेगी। ऐसे में कोई मजबूत दावेदार जिसकी जीत की संभावना ज्यादा होगी यदि बसपा के साथ आना चाहता है तो पार्टी उसका खुले दिन से स्वागत करेगी। 



तब भाजपा ने मनसुख पर जताया था भरोसा 



दो दशक बाद ओबीसी के लिए आरक्षित हुई नगर निगम सतना के लिए भाजपा से एक बार फिर टिकट की दावेदारी मनसुखलाल पटेल ने की। 2000 में हुए मेयर के चुनाव में भाजपा ने मनसुख को अपना उम्मीदवार बनाया था, इन्हे निर्दलीय प्रत्याशी डॉ. बीएल यादव से पराजय का सामना करना पड़ा था। उस चुनाव में कांग्रेस ने जगन्नाथ सिंह और बसपा ने राजू जायसवाल को अपना उम्मीदवार बनाया था। 



45 वार्ड का निगम, आरक्षण की स्थिति 



एससी पुरुष- 1, 19, 27 एवं 43



एससी महिला- 16 एवं 39



एसटी पुरुष- 30



एसटी महिला- 12



ओबीसी पुरुष- 2, 7, 14, 33



ओबीसी महिला- 8,15, 22, 34 एवं 45



अनारक्षित महिला- 5, 9, 10, 17, 18, 23, 24, 25, 28, 29, 31, 37, 42 एवं 44



अनारक्षित- 3, 4, 6, 11, 13, 20, 21, 26, 32, 35, 36, 38, 40 एवं 41



पार्टियों के दावेदार 



भाजपा :  योगेश ताम्रकार- भाजपा प्रदेश उपाध्यक्ष,  अनिल जायसवाल- पूर्व ननि अध्यक्ष, लक्ष्मी यादव- पूर्व पिछड़ा वर्ग आयोग सदस्य,  उमेश सिंह लाला- जिला पंचायत सदस्य, विनोद यादव- पूर्व जिला मंत्री भाजपा, प्रहलाद कुशवाहा- भाजपा प्रदेश प्रवक्ता, मनसुख पटेल- वरिष्ठ भाजपा नेता। 



कांग्रेस:  सईद अहमद- पूर्व मंत्री, मकसूद अहमद- शहर अध्यक्ष, रविन्द्र सिंह सेठी- पीसीसी सदस्य, अजय सोनी- प्रदेश महामंत्री,  गेंदलाल पटेल- वरिष्ठ कांग्रेस नेता,  प्रीति सिद्धार्थ कुशवाहा- जिपं सदस्य।

 

बसपा:  अच्छे लाल कुशवाहा- पूर्व लोस प्रत्याशी,  रावेन्द्र सिंह पटवारी- पूर्व विस प्रत्याशी 



कब-कब कौन रहा महापौर 

राजाराम त्रिपाठी    16 जनवरी 1995   से   10 जनवरी 2000  (अनारक्षित)

डॉ. बीएल यादव    11 जनवरी 2000   से   07 जनवरी 2005  (ओबीसी)

विमला पांडेय    18 जनवरी 2005   से   07 जनवरी 2010 (अनारक्षित महिला)

पुष्कर सिंह तोमर    11 जनवरी 2010   से    30 अगस्त 2010 (अनारक्षित)

विष्णु त्रिपाठी    06 सितंबर 2010  से   18 नवंबर 2010 

पुष्कर सिंह तोमर    19 नवंबर 2010    से    01 जनवरी 2015

ममता पांडेय    02 जनवरी 2015  से   01 जनवरी 2020 (अनारक्षित महिला)



आबादी और मतदाता 



    03 लाख 10 हजार 500 आबादी

    02 लाख 34 हजार 32 कुल मतदाता

    01 लाख 21 हजार 42 पुरुष मतदाता

    01 लाख 12 हजार 978 महिला मतदाता

    12 अन्य मतदाता



अन्य नगर निकायों में आरक्षण



जैतवारा : अनुसूचित जाति महिला 

बिरसिंहपुर : अनुसूचित जाति महिला 

कोठी: अनुसूचित जाति महिला 

उचेहरा : अनुसूचित जाति 

रामपुर बघेलान: पिछड़ा वर्ग महिला

चित्रकूट : पिछड़ा वर्ग 

कोटर : पिछड़ा वर्ग

नागौद : आरक्षित महिला

न्यू रामनगर : अनारक्षित महिला 

अमरपाटन: अनारक्षित


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