भोपाल. क्या सरदार सरोवर डैम (Sardar Sarovar Dam) खतरे में है? नर्मदा बचाओ आंदोलन (Narmada Bachao Andolan) की नेता मेधा पाटकर का दावा किया है कि बांध से पानी का रिसाव (Leakage) हो रहा है। पाटकर ने ये बात डैम सेफ्टी पैनल की रिपोर्ट के हवाले से कही है। उन्होंने ये भी कहा कि ये डैम की सुरक्षा के लिए खतरा है, मध्य प्रदेश समेत 7 राज्यों के लिए बड़ी चुनौती है। यह निर्माण में भ्रष्टाचार (Corruption) को उजागर करता है। जहां नहर नहीं बनाई जानी थी, वहां गुजरात में बनाई गई। इसका मध्यप्रदेश और महाराष्ट्र ने विरोध किया था। नहर बनने से वहां ज्यादा पानी की बर्बादी हुई है। पाटकर ने 23 अगस्त को भोपाल में मीडिया से ये बातें कहीं।
लोग अभी भी पीने के पानी के लिए जूझ रहे
पाटकर के मुताबिक, आज नर्मदा सूखी पड़ी है। बड़वानी (Barwani) और आसपास के गांवों के लोगों को पीने के पानी के लिए संघर्ष करना पड़ रहा है। 24 अगस्त को नर्मदा नियंत्रण प्राधिकरण (Narmada Control Authority) की बैठक होने वाली है। इसमें गुजरात ने प्रस्ताव रखा है कि सरदार सरोवर की दीवार से बड़े पैमाने पर पानी रिसने के कारण बांध का पानी कम किया जाए। यदि प्रस्ताव (Proposal) को मंजूरी मिली, तो गुजरात नहरों का संचालन शुरू कर देगा। इससे मध्य प्रदेश में नर्मदा के जलस्तर पर बुरा असर पड़ेगा।
बांध बना, लेकिन मकसद अब भी अधूरा
पाटकर ने कहा कि बांध बनाने का उद्देश्य अब तक पूरा नहीं हो सका। मध्यप्रदेश को पुनर्वास (Rehabilitation) और बिजली उत्पादन (Electricity Production) का फायदा नहीं मिला। नर्मदा बचाओ आंदोलन से जुड़े देवी सिंह पटेल ने कहा कि हम 36 साल से जो आशंका जता रहे थे, वह सच साबित हो रही है। कई जगह नर्मदा का प्रवाह बुरी तरह प्रभावित हुआ है। अब सवाल नर्मदा के अस्तित्व को बचाने का है।