GWALIOR: जीत का सर्टिफिकेट मिलने से पहले ही उठा लिए जनपद और जिला पंचायतों के सदस्य

author-image
Dev Shrimali
एडिट
New Update
GWALIOR: जीत का सर्टिफिकेट मिलने से पहले ही उठा लिए जनपद और जिला पंचायतों के सदस्य



GWALIOR News.  पंचायती राज ग्वालियर - चम्बल अंचल में राग दरबारी की ही शक्ल में सड़कों पर उतर आया है। ग्राम सरकार चुनने के लिए हुए जनपद और जिला पंचायत सदस्यों में से अब अध्यक्षो का चुनाव होना है लेकिन इससे पहले ही निर्वाचित सदस्यों की ऐसी घेराबंदी की गई कि उन्हें अपने जीत का जश्न मना पाना भी नसीब नहीं हुआ। ग्वालियर जिले में तो विजयी हुए 25 जनपद सदस्यों में से सिर्फ 23 ही अपना प्रमाण पत्र लेने पहुंच सके क्योंकि बाकी तो हफ्ते भर पहले ही गोवा की सैर पर रवाना किये जा चुके हैं। मुरैना में तो जीते प्रत्याशियों को ढूंढते उनके परिजन पुलिस तक पहुंचे ।





डबरा में गृहमंत्री बनाम पूर्व मंत्री





डबरा जनपद पंचायत अध्यक्ष का पद सबसे हॉट बना हुआ है। यहां बीजेपी बनाम सिंधिया बीजेपी में वैसी ही तकरार चल रही है जैसी तब थी जब ज्योतिरादित्य सिंधिया कांग्रेस में थे । तब सिंधिया समर्थक कद्दावर नेता और तत्कालीन महिला एवं बाल  मंत्री श्रीमती इमरती देवी और वर्तमान गृह मंत्री डॉ नरोत्तम मिश्रा के बीच डबरा के पदों को हथियाने की खुली जंग होती थी । हालांकि सिंधिया के साथ बीजेपी में शामिल हुईं इमरती ने विधायक पद छोड़ा। प्रदेश में कमलनाथ की सरकार के पतन के बाद बनीं शिवराज सरकार ने  केबिनेट मंत्री पद भी बहाल रखा लेकिन उप चुनाव में वे हार गईं तो मंत्री पद जाता रहा। हालांकि सिंधिया ने दबाव बनाकर उन्हें लघु उद्योग निगम का चेयरमैन बनवाकर उनकी राजनीति को जीवित रखने का प्रयास किया।



लेकिन इमरती के बीजेपी में आने से डबरा में दशाब्दियों से बीजेपी में चल रही डॉ नरोत्तम मिश्रा की एक क्षत्र बादशाहत में बंटवारा शुरू हो गया। डॉ मिश्रा मूलतः डबरा के ही हैं । यहां से अनेक बार विधायक रहे हैं। जब यह सीट अनुसूचित जाति के लिए रिजर्व हो गई उसके बाद ही नरोत्तम ने पड़ौसी जिला दतिया की सीट पर चुनाव लड़ना शुरू किया। यद्यपि वे लंबे अरसे से दतिया से विधायके है लेकिन वे अपना मुख्यालय डबरा में ही रखते है। वे यहां अपना जनपद अध्यक्ष बनाना चाहते है लेकिन ऐसा हो पाना संभव नही हो पा रहा।





इमरती ने उठाये दस सदस्य





कांग्रेस विधायक सुरेश राजे ने खुला आरोप लगाया कि पूर्व मंत्री इमरती देवी ने दस जनपद सदस्यो को मतगणना के बाद ही उठा लिया । दरअसल डबरा में डॉ मिश्रा, इमरती अपने -अपने समर्थकों को अध्यक्ष बनाना चाहते है । यहां अध्यक्ष  पद सामान्य है । नरोत्तम मिश्रा एक ब्राह्मण सदस्य को बिठाना चाहते है और उन्होंने भी अपने समर्थकों को सुरक्षित किया है जबकि इमरती पहले की तरह अपना दबदबा बनाये रखने के लिए किसी बघेल या गुर्जर को अध्यक्ष बनाना चाहतीं है । इसमें इमरती ने ऑपरेशन को जल्दी अंजाम देकर सदस्य कब्जे में कर लिए । आरोप है कि उन्हें गोआ भेज दिया । हालत ये रही कि कल रिटर्निंग ऑफिसर प्रमाण पत्र देने मंडी परिसर में प्रतीक्षा करते रहे लेकिन 25 में से सिर्फ दो ही सदस्य वहां पहुंचे ।





कांग्रेस समर्थित भी लापता





डबरा जनपद की 25 सीटों में से कांग्रेस और बीजेपी के पास दस -दस सीटें है । पांच निर्वाचित सदस्य ढुल मुल है लेकिन गोवा घूमने वालों में कांग्रेस के सभी दस सदस्य भी शामिल हैं। कांग्रेस विधायक राजे अपना अध्यक्ष बनाने की जोड़तोड़ में थे लेकिन उनके खुद के सदस्य ही लापता हो गए। उन्होंने कल खुला आरोप लगाया कि लघु उद्योग निगम की अध्यक्ष इमरती देवी ने उनके दस जीते नेताओ को लालच देकर छुपा लिया है । लेकिन इमरती ने इन आरोपों का तो कोई जबाव नहीं दिया लेकिन ये दावा जरूर किया- डबरा में बीजेपी का अध्यक्ष बनेगा इसे कोई नहीं रोक सकता।





चार में दो बीजेपी ,दो में घमासान





ग्वालियर जिले में चार जनपद पंचायतें हैं । अगर राजनीतिक जानकारों की मानें तो डबरा में बीजेपी का अध्यक्ष बनना तय है । इसी तरह  में केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र तोमर समर्थक उद्यानिकी मंत्री भारत सिंह कुशवाह मुरार जनपद अध्यक्ष पद  पाने के लिए अपनी बिसात बिछा चुके हैं।  वे पार्टी की बैठकों में ऐसा दावा कर चुके है। हालांकि विगत चुनाव में बसपा टिकट पर लड़कर केवल कुछ वोट से हारे और अब कांग्रेस में साहब सिंह यहाँ काँग्रेस का जनपद अध्यक्ष बनाने की जोड़तोड़ में जुटे है लेकिन सफलता शायद ही मिले।



 इसी तरह भितरवार के काँग्रेस विधायक और पूर्व मंत्री लाखन सिंह अपने क्षेत्र के दोनो घाटीगाँव और भितरवार जनपदों में अपने अध्यक्ष बनवाने के लिए कवायद कर रहे हैं । इसमे पीसीसी के कोषाध्यक्ष अशोक सिंह भी लगे हैं। लेकिन बीजेपी ने सभी चारो जनपद में अपने अध्यक्ष बनाने की रणनीति बनाई है।





चम्बल  में भी यही हाल





मुरैना में जनपद के वार्ड 5 से जीते वीरेंद्र परमार अचानक लापता हो गए। यहां अध्यक्ष पद की दावेदारी कर रहे रविन्द्र रियाना तत्काल एसपी आशुतोष बागरी से मिले । उन्होंने शिकायत की कि एक ताकतवर के इशारे पर पुलिस की क्राइम ब्रांच की टीम परमार को उठाकर ले गई। हालांकि कुछ घण्टे बाद परमार ने वृंदावन में होने की जानकारी परिजनों को भेजी।





जीतों को हराने का आरोप





मुरैना में सबलगढ़ जनपद के वार्ड 10 के प्रत्याशी लटूरी जाटव ने जिला निर्वाचन अधिकारी से शिकायत की कि मतगणना में उन्हें विजयी बताया गया था लेकिन आज जीत का प्रमाणपत्र किसी और को दे दिया। इसी तरह अशोक नगर में वार्ड चार  से  भूरिया बाई को जीता घोषित कर दिया गया । लेकिन आरोप लगाया कि मत गणना में रामरती जीतीं थी।  



दतिया के सेंवढ़ा में भी ऐसे ही आरोप लगा। गणना में जीती भारती जाटव जीतीं। उनका जुलूस भी निकला लेकिन जीत का प्रमाण पत्र उनसे हारे मुकेश शर्मा को दे दिया गया।



गृहमंत्री Jyotiraditya Scindia ज्योतिरादित्य सिंधिया Gwalior ग्वालियर Home Minister जिला पंचायत district panchayat Panchayati Raj पंचायती राज Village Government ग्राम सरकार