मंत्री बृजेंद्र सिंह के क्षेत्र के स्कूलों में 6 माह से मिड डे मील बंद, स्कूल शिक्षा मंत्री को लिखा पत्र, विपक्ष का सरकार पर हमला

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The Sootr CG
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मंत्री बृजेंद्र सिंह के क्षेत्र के स्कूलों में 6 माह से मिड डे मील बंद, स्कूल शिक्षा मंत्री को लिखा पत्र, विपक्ष का सरकार पर हमला

BHOPAL, भोपाल. मप्र के विविध जिलों के स्कूलों में मिड डे मील को लेकर कई शिकायतें आ रही हैं। कहीं मिड डे मील के नाम पर खराब खाना परोसा जा रहा है। स्कूलों में दाल के नाम पर उबला पानी देने की शिकायतें पाई गईं। विपक्ष भी लगातार इस मुद्दे को लेकर सरकार पर आक्रामक है। हाल ही में प्रदेश में पोषण आहार के नाम पर बड़े घोटाला भी सामने आया था जिसके लेकर प्रदेश में राजनीति गर्म रही। मिड डे मील को लेकर अब प्रदेश शासन में मंत्री बृजेंद्र सिंह यादव का पत्र सामने आया है। जिसमें उन्होंने कहा कि उनके पन्ना विधानसभा क्षेत्र के अजयगढ़ में 100 से अधिक स्कूलों में पिछले 6 माह से मिड डे मील का वितरण नहीं है जिससे छात्रों और उनके परिजनों में काफी नाराजगी है। मंत्री यादव इस संबंध में अपने सहयोगी और प्रदेश के स्कूल शिक्षा मंत्री इंदर सिंह परमार को पत्र लिखकर समस्या से अवगत कराया है। एक मंत्री के क्षेत्र में 6 माह से मिड डे मील का वितरण न होना कहीं न कहीं व्यवस्था पर सवाल खड़े करता है। इस पत्र के बाद सियासत भी गर्मा गई है।



पत्र



पोषण आहार योजना में बड़ी गड़बड़ी



मध्य प्रदेश में सीएजी रिपोर्ट से पोषण आहार योजना में बड़ी गड़बड़ी सामने आई है. रिपोर्ट के मुताबिक, महिला बाल विकास विभाग में 110 करोड़ रुपये का घोटाला हुआ है। पोषण आहार योजना के तहत गरीब बच्चों और महिलाओं को मिलने वाला राशन भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ गया है. कैग रिपोर्ट (CAG Report) के मुताबिक, मध्य प्रदेश महिला बाल विकास विभाग में 110 करोड़ रुपये घोटाला सामने आया है। कांग्रेस ने आरोप लगाया कि सरकार ने करीब 111 करोड़ रुपये का राशन कागजों पर बांट दिया है। कांग्रेस पार्टी ने मामले में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से इस्तीफे की मांग की थी। पूर्व मंत्री एवं विधायक जीतू पटवारी ने कहा, एजी की मीडिया में सामने आई गोपनीय रिपोर्ट के मुताबिक प्रदेश में करीब 111 करोड़ रुपये का राशन कागजों पर बांट दिया गया. इस घोटाले के तहत राशन वितरण में तब भी फर्जीवाड़ा किया गया, जब प्रदेश में कोविड-19 का भीषण प्रकोप था। उन्होंने कथित घोटाले पर राज्य सरकार को घेरते हुए आरोप लगाया कि सरकारी राशन के स्टॉक में गड़बड़ी की गई और कुपोषित बच्चों तक पहुंचने वाले पोषाहार की गुणवत्ता भी नहीं जांची गई. कांग्रेस विधायक ने मांग की है कि राशन वितरण की ये कथित गड़बड़ियां सामने आने के बाद मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को अपने पद से तुरंत इस्तीफा देना चाहिए.



 कमननाथ ने ली चुटकी



इस घटनाक्रम के बाद राजनीति भी तेज हो गई है। विपक्ष को सरकार पर हमला करने का एक और मौका मिल गया है। पूर्व सीएम और पीसीसी चीफ कमलनाथ ने टवीट कर कहा कि अब सरकार के जिम्मेदार खुद उसकी सच्चाई को सामने ला रहे हैं। सरकार इस सच्चाई को स्वीकार नहीं करह रही है।  मध्यान्ह भोजन के वितरण का मामला बेहद गंभीर है। इसकी उच्चस्तरीय जांच होनी चाहिए।




— Kamal Nath (@OfficeOfKNath) September 18, 2022



 


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