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भोपाल. प्रदेश के उच्च शिक्षा मंत्री मोहन यादव (Mohan yadav) की एक फेसबुक पोस्ट चर्चा का विषय बन गई है। गुरुवार, 27 जनवरी को उनके फेसबुक पेज पर की गई पोस्ट गणतंत्र दिवस की परेड के संदर्भ में की गई है। इसमें उन्होंने लिखा है कि इस बार परेड में न तो देश के फर्जी पिताजी थे, न ही फर्जी चाचा जी थे। अब लोग यह जानना चाह रहे हैं कि उच्च शिक्षा मंत्री (Mohan yadav facebook post controversy) आखिर किसे फर्जी पिताजी और फर्जी चाचाजी बोल रहे हैं।
फेसबुक पोस्ट में ये लिखा: सरकार में उच्च शिक्षा महकमे के मुखिया ने अपनी फेसबुक पोस्ट की शुरुआत में लिखा है कि गणतंत्र दिवस की परेड में नेताजी सुभाषचंद्र बोस (Subhash Chandra Bose) थे, सरदार वल्लभ भाई पटेल थे। इसके बाद वे लिखते हैं कि परेड में न तो देश के फर्जी पिताजी थे, न ही देश के फर्जी चाचा थे.....न लोहे की महिला थी और न ही कंप्यूटर के अविष्कारक थे। परेड में काशी विश्वनाथ की झांकी थी, वैष्णो देवी की झांकी थी, सनातन संस्कृति का नजारा था। इसके बाद उन्होंने लिखा कि मेरा देश सही में बदल रहा है, मेरा देश अंग्रेजी गुलामों के जबड़ों से निकल रहा है, मेरा देश सही में स्वतंत्र हो रहा है।
सोशल मीडिया यूजर ने छोटी मानसिकता बताया: मंत्री की ये पोस्ट दिल्ली में गणतंत्र दिवस की परेड की ओर इशारा कर रही है। वहीं, कुछ यूजर इस पोस्ट के लिए मंत्री को भला बुरा सुना रहे हैं। एक साहिल देहलवी नाम के युवक ने मंत्री की पोस्ट में कमेंट कर लिखा कि मंत्री जी सत्ता के नशे में आप इतने मत हो जाओ कि देश के राष्ट्रपिता को कुछ ना समझे। जबकि दूसरे यूजर अनीश ने तंज कसते हुए लिखा कि आज भी नोट पर फर्जी पिताजी ही है आदरणीय मंत्री जी। वो नोट तो सभी को प्यारे लगते हैं। गांधी के विचार देश की पूंजी है। उसे कोई मिटा नहीं सकता।