रात के अंधेरे में टकरा गए राज्य मंत्री OPS भदौरिया और नेता प्रतिपक्ष गोविंद सिंह

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Rahul Garhwal
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रात के अंधेरे में टकरा गए राज्य मंत्री OPS भदौरिया और नेता प्रतिपक्ष गोविंद सिंह

देव श्रीमाली, Gwalior. मध्यप्रदेश के नेता प्रतिपक्ष डॉ. गोविंद सिंह और राज्य मंत्री ओपीएस भदौरिया की मुलाकात सियासी गलियारों में चर्चा का विषय बनी हुई है। गोविंद सिंह के नेता प्रतिपक्ष बनने के बाद ओपीएस भदौरिया ने उन्हें चुनौती देते हुए कहा था कि महाराज तो छोड़ो डॉ. गोविंद सिंह के लिए तो मैं ही काफी हूं। सिंधिया समर्थक भदौरिया के बयान के महज 72 घंटे बाद ही उनकी नेता प्रतिपक्ष डॉ. गोविंद सिंह से मुलाकात हुई।





बुधवार रात में हुई मुलाकात





ग्वालियर के सर्किट हाउस में दोनों नेता आमने-सामने आ गए। वहां रुके राज्य मंत्री ओपीएस भदौरिया बाहर निकल रहे थे। तभी नेता प्रतिपक्ष डॉ. गोविंद सिंह सर्किट हाउस में दाखिल हुए। दोनों का सामना हुआ, नजरें मिली तो बातें भी शुरू हो गई। ये मुलाकात बीजेपी और कांग्रेस के बीच खूब वायरल हुई। तमाम फसानों और अटकलों के साथ कहा जाने लगा कि विरोध के पहाड़ बर्फ की तरह पिघल गए।





'मुलाकात का कोई राजनीतिक अर्थ न निकालें'





मुलाकात को लेकर राज्य मंत्री ओपीएस भदौरिया का कहना है कि इस मुलाकात का राजनीति अर्थ न निकाला जाए। ओपीएस भदौरिया ने कहा कि मैं निकल रहा था, सामने से अचानक डॉ. साहब आ गए। आमना-सामना होने पर बस औपचारिक राम जुहार हुई। मैं बाहर निकल आया वे अंदर चले गए।





कमलनाथ की जगह गोविंद सिंह को कांग्रेस की कमान





दरअसल पिछले सप्ताह जब कांग्रेस हाईकमान ने कमलनाथ की जगह भिंड के लहार विधायक डॉ. गोविंद सिंह को मध्यप्रदेश विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष बनाया तो मीडिया में खबरें उभरने लगी कि पार्टी अब कांग्रेस की सरकार गिराने वाले केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया को उनके गढ़ में घेरना चाहती है। इसलिए ही कमान डॉ. गोविंद सिंह को सौंपी है लेकिन इन खबरों पर सिंधिया खेमा भी तत्काल सक्रिय हुआ। इससे निपटने के लिए क्षेत्रीय बनाम क्षेत्रीय का फार्मूला बनाया गया। आमतौर पर चुप रहने वाले मेहगांव से एमएलए और नगरीय प्रशासन राज्य मंत्री ओपीएस भदौरिया को इसका जवाब देने की कमान सौंपी गई।





'डॉ. गोविंद सिंह के लिए तो मैं ही काफी हूं'





राज्य मंत्री ओपीएस भदौरिया अचानक मीडिया से रूबरू हुए और उन्होंने कहा कि डॉ. गोविंद सिंह की नियुक्ति से अंचल में कोई फर्क नहीं पड़ने वाला। वे बोले महाराज क्या कर सकते है ये तो कांग्रेस को पता चल ही गया है और जहां तक गोविंद सिंह का सवाल है उनके लिए तो मैं ही काफी हूं। ओपीएस के बयान की सनसनी सियासी हलकों में खास थी क्योंकि वे कम बोलते हैं। उपचुनाव में हारे कांग्रेस प्रत्याशी हेमन्त कटारे के समर्थक तो आरोप भी लगाते रहे हैं कि डॉ. गोविंद सिंह के समर्थकों ने ओपीएस भदौरिया की दबे छिपे मदद की।



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