SIDHI. यहां के संजय टाइगर रिजर्व (Sanjay Tiger reserve) का मोहन रेंज (Mohan range) में लंबे समय नन्हीं दहाड़ें सुनाई देने लगी है। जो तस्वीर सामने आई है उसमें दो शावक अठखेलियाँ करते नजर आए हैं। इन शावकों को बाघिन टी-32 (T-32) ने जन्म दिया है।
8 माह पहले में रेंज में छोड़ी थी बाघिन
संजय टाइगर रिजर्व के अधिकारियों ने मीडिया को बताया कि लंबे समय से मोहन रेंज में बाघों के कुनबा बढ़ाने का प्रयास किया जा रहा है लेकिन अब जा कर सफलता देखने को मिल रही है। इस रेंज में बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व लाई गई बाघिन टी-32 को छोड़ा गया था। इस बात के 8 माह हो गए । बताया गया है कि पिछले साल 22 दिसंबर को बाघिन T-32 को मोहन रेंज में छोड़ा गया था।
13 माह पहले लाया गया था बाघ
मोहन रेंज को फिर से आबाद करने का लिए अधिकारियों ने जो कदम उठाए उसके सार्थक होने के संकेत मिल रहे हैं। बताया गया है कि इस रेंज में 13 माह पहले एक बाघ को छोड़ा गया था। बाघ T-27 को मोहन रेंज में 12 जून को छोड़ा गया था। अधिकारियों ने मीडिया को बताया कि जो शावक खेलते हुए कैमरे में कैद हुए हैं उनका पिता यही T-27 ही है।
पिछली बार मर गई थी बाघिन
संजय टाइगर रिजर्व का सबसे महत्वपूर्ण रेंज मोहन में बाघों के परिवार तैयार करने के प्रयास के बीच एक बार असफलता भी हाथ लग चुकी है। बताया गया है कि पिछले साल के जून माह में ही बाघ T27 के पहले ही बाघिन को भी मोहन रेंज में छोड़ा गया था। यह बाघिन बांधवगढ़ से लाई गई थी लेकिन उसकी मौत हो गई। इस बात से प्रयास कर रहे अफसर निराश हो गए थे।