Bhopal : MP में आया Monsoon, बैतूल-खंडवा में बरसे बादल; भोपाल और इंदौर में 72 घंटों में हो सकती है बारिश

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Rahul Garhwal
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Bhopal : MP में आया Monsoon, बैतूल-खंडवा में बरसे बादल; भोपाल और इंदौर में 72 घंटों में हो सकती है बारिश

Bhopal. मध्यप्रदेश में मानसून की एंट्री हो गई है। मानसून ने खंडवा और बैतूल के रास्ते मध्यप्रदेश में दस्तक दी है। भोपाल, इंदौर और उज्जैन में भी बादल छाए हुए हैं। मौसम विभाग के मुताबिक इंदौर और भोपाल में अगले 72 घंटे में बारिश हो सकती है। भोपाल से पहले इंदौर में मानसून की बारिश की संभावना है। मध्यप्रदेश में 12 साल में पांचवीं बार मानसून सबसे पहले आया है। साल 2011 में 10 जून को मानसून ने मध्यप्रदेश में दस्तक दी थी।



बैतूल और खंडवा में मानसून एक्टिव



मानसून गुजरात, छत्तीसगढ़, झारखंड और बिहार में एक्टिव था। गुरुवार को MP के महाकौशल और विध्यांचल में सक्रिय हो गया था। कई इलाकों में घने बादल छाए हुए थे। मौसम विभाग के मुताबिक अरब से आने वाला मानसून बैतूल और खंडवा में ही एक्टिव है। ये शुक्रवार से आगे बढ़ सकता है। मानसून के 48 घंटे में इंदौर पहुंचने की संभावना है। 72 घंटे में भोपाल पहुंच सकता है। जबलपुर के रास्ते मानसून की शुक्रवार को बंगाल की खाड़ी से मानसून की एंट्री हो सकती है।



MP के कई इलाकों में बारिश का अलर्ट



मध्यप्रदेश के कई इलाकों में 24 घंटे में हल्की बारिश हो सकती है। मौसम विभाग के मुताबिक डिंडोरी, उमरिया, कटनी, पन्ना, दमोह, सागर और छतरपुर भारी बारिश का अलर्ट जारी किया गया है। भोपाल, इंदौर, उज्जैन, नर्मदापुरम और ग्वालियर में हल्की बारिश हो सकती है। चंबल, रीवा, नरसिंहपुर, अनूपपुर, सिवनी, मंडल, बालाघाट और निवाड़ी में हल्की बारिश की संभावना है।



कैसे पता चलेगा कि हो गई है मानसून की एंट्री !



मध्यप्रदेश में मानसून की एंट्री के लिए लगातार 3 दिन तक ज्यादातर हिस्सों में बारिश होना जरूरी है। इसके साथ ही हवाओं का दक्षिण पूर्वी और पश्चिमी होना जरूरी है। इसके अलावा कई कारण मानसून की एंट्री के लिए आवश्यक होते हैं। दोनों की परिस्थितियों में मानसून की एंट्री मानी जाती है। इंदौर में दो दिन बारिश हुई लेकिन फिर नहीं हुई। मानसून महाराष्ट्र और मध्यप्रदेश की बॉर्डर पर अटक गया था।



मध्यप्रदेश में अरब से दी मानसून ने दस्तक



मध्यप्रदेश में अरब की खाड़ी से मानसून आया है। अरब का मानसून पाकिस्तानी हवाओं के कारण महाराष्ट्र से आगे नहीं बढ़ पाया था। गुरुवार को खंडवा और बैतूल के ज्यादातर इलाकों में लगातार 3 दिनों तक 2.5 मिमी से ज्यादा बारिश हुई। बंगाल की खाड़ी से पूर्वी भारत से हिमालय तक मानसून सक्रिय होने लगा है। मंगलवार से जबलपुर में बारिश होने लगी थी। मध्यप्रदेश में खंडवा और बैतूल से मानसून की एंट्री हो गई है।



MP में बारिश के लिए बंगाल की खाड़ी से मानसून का एक्टिव होना जरूरी



मध्यप्रदेश में बंगाल की खाड़ी से आने वाले दक्षिण पूर्वी मानसून से बारिश होती है। ये मानसून पूरे मध्यप्रदेश में बारिश कराता है। वहीं अरब से आने वाला मानसून सिर्फ मालवा-निमाड़ में वर्षा कराता है। जून में अरब में सामान्य तौर पर ज्यादा सिस्टम नहीं बनते इसलिए बंगाल की खाड़ी से ही मध्यप्रदेश में मानसून आता है। कभी-कभी मानसून अरब सागर से इंदौर के रास्ते एंट्री करता है लेकिन पूर मध्यप्रदेश में बारिश नहीं करा पाता। मध्यप्रदेश में बारिश के लिए बंगाल की खाड़ी से मानसून का एक्टिव होना जरूरी है।


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