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ओपी नेमा, भोपाल. 100 नंबर घुमाओ और पुलिस बुलाओ। मप्र में 2015 में जब डॉयल 100 सेवा की शुरूआत हुई थी तब इस स्लोगन को बेहद प्रचारित किया गया था। कहा गया था कि 5 मिनट में पुलिस घटनास्थल पर पहुंचेगी। 100 नंबर घुमाने पर पुलिस आती तो है लेकिन रिस्पॉन्स टाइम बेहद लचर है। इसका खुलासा सीएजी यानी कैग की रिपोर्ट में हाल ही में हुआ है। एक और तथ्य ये है कि डॉयल 100 की ज्यादातर गाड़ियां कंडम हो चुकी है। जितना पैसा सरकार इस सेवा को संचालित करने वाली कंपनी को दे रही है उतने में तो नई गाड़ियां खरीदी जा सकती है।
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