सड़क की राह में आ रहा मंदिर, कुछ हिस्सा टूटेगा; बचाने के लिए पूर्व विधायक लामबंद

author-image
rahulk kushwaha
एडिट
New Update
सड़क की राह में आ रहा मंदिर, कुछ हिस्सा टूटेगा; बचाने के लिए पूर्व विधायक लामबंद

ललित उपमन्यु, इंदौर. सरकार की स्मार्ट सिटी योजना के तहत इंदौर में बन रही सड़क की जद में आ रहे एक प्राचीन मंदिर को बचाने के लिए भाजपाई ही सड़क पर उतर आए। गुरुवार को बीजेपी के दो पूर्व विधायक, पार्षद और संगठन के पदाधिकारियों के अलावा बड़ी संख्या में क्षेत्रीय जनता भी धरने में कूद पड़ी।





7-8 फीट सड़क की जद में मंदिर





मंदिर पुराने शहर के मल्हारगंज में है। करीब 200 साल पुराने इस छोटा गणपति मंदिर को पिता-पुत्र का मंदिर भी कहा जाता है। क्योंकि इसी में एक शिवलिंग भी है। कांच की शानदार नक्काशी वाले इस मंदिर को किबे परिवार संचालित करता है। जिस क्षेत्र में मंदिर है, वहां स्मार्ट सिटी के तहत 60 फीट चौड़ी सड़क बन रही है। बीते दिनों चर्चा चली थी कि मंदिर भी सड़क की जद में आ रहा है।





मंदिर बचाने के लिए धरना





जानकारी के मुताबिक मंदिर के संचालकों को निगम के अफसरों ने कहा था कि यहां का निर्माण हटाना पड़ेगा क्योंकि सड़क में बाधक बन रहा है। इसके बाद भाजपा के नगर उपाध्यक्ष अशोक चौहान चांदू को जानकारी दी गई। उन्होंने क्षेत्र के पूर्व भाजपा विधायक और ख्यात कवि सत्यनारायण सत्तन को इसकी जानकारी दी। इसके बाद मंदिर को बचाने के लिए धरने की रूपरेखा बनी।





मंदिर पर अलग-अलग दावे





मंदिर को हटाने या कुछ हिस्सा हटाने को लेकर अलग-अलग दावे किए जा रहे हैं। मंदिर प्रबंधन का कहना है कि उन्हें बुलाकर कह दिया गया है कि इसे दूसरी जगह शिफ्ट कर देंगे पर हटाना तो पड़ेगा। वहीं आंदोलन में पहुंचे पूर्व विधायक सुर्दशन गुप्ता ने कहा कि उन्हें अफसरों ने बताया है कि मंदिर के आसपास की गुमठियां हटाई जा रही हैं, मंदिर को हटाने की कोई योजना नहीं है। मौके पर निगम की तरफ से पहुंचे प्रोजेक्ट अधिकारी डी.आर. लोधी का कहना है कि क्षेत्रीय लोगों की सहमति के बिना कोई कार्रवाई नहीं होगी।





कमिश्नर को चेतावनी





पूर्व विधायक सत्यनारायण सत्तन मंदिर को आस्था का केंद्र बताते हुए आंदोलन के मुखिया के तौर पर मैदान में हैं और इसे बचाने के लिए धरने पर हैं। उन्होंने चेतावनी भरे लहजे में कहा- कमिश्नर (प्रतिभा पाल) यदि मंदिर तोड़ने की राय देती हैं तो यहां से उनका चालान (तबादला) जरूरी हो जाएगा। भाजपा नगर उपाध्यक्ष अशोक चौहान तो चार कदम आगे बढ़कर कह रहे हैं- भेदभाव क्यों होता है हर बार। दूसरे धर्मस्थलों के लिए सड़क मोड़ देते हैं। शहर में ऐसे कई उदाहरण हैं, फिर मंदिर को हटाने की जिद क्यों। पूर्व भाजपा पार्षद निरंजन सिंह चौहान भी धरने में शामिल हुए।



MP News मध्यप्रदेश MP इंदौर BJP बीजेपी Former BJP MLA Smart City ancient temple indor chota ganpati mandir Siddhi Vinayak Temple ganesh temple save mandir Movement प्राचीन मंदिर छोटा गणेश मंदिर गणेश मंदिर स्मार्ट सिटी योजना पूर्व बीजेपी विधायक