चंबल के 'गांधी की विदाई': SN सुब्बाराव का उनकी कर्मभूमि जौरा आश्रम में अंतिम संस्कार

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चंबल के 'गांधी की विदाई': SN सुब्बाराव का उनकी कर्मभूमि जौरा आश्रम में अंतिम संस्कार

भोपाल. मध्यप्रदेश (Madhya Pradesh) के जौरा (Jaura) स्थित महात्मा गांधी सेवा आश्रम में शांति दूत डॉ. एसएन सुब्बाराव (Dr. SN Subbarao) पंचतत्व में विलीन हो गए है। डॉ. सुब्बाराव को उनके बहनोई ईश्वर जॉइस ने मुखाग्नि दी। बेंगलुरू से उनकी भांजी रजनी बहन भी आई थीं। रजनी पिछले 2 साल से सुब्बाराव की सेवा कर रही थीं। इससे पहले राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने डॉ. सुब्बाराव को श्रद्धांजलि दी। उनके साथ कांग्रेस के पूर्व मंत्री जीतू पटवारी, सतीश सिकरवार, राकेश मावई और विधायक भी पहुंचे। सोनिया गांधी के प्रतिनिधि अजय माकन ने भी श्रद्धांजलि दी। बीजेपी की तरफ से पूर्व मंत्री रुस्तम सिंह पहुंचे थे।

भाईजी की कार्यस्थली थी चंबल

डॉ. एसएन सुब्बाराव की मुख्य कर्मस्थली मुरैना का चंबल क्षेत्र रहा है। यहां उन्होंने वर्ष 1972 में 600 से अधिक बागियों का आत्मसर्मपण कराया था। इसी दौरान जौरा में गांधी आश्रम की नींव रखी थी। इस समय आज दुनिया के 20 देशों में गांधी आश्रम चल रहे हैं।

10 हजार से अधिक लोगों पहुंचे

जानकारी के मुताबिक, उनकी अंतिम विदाई में 10 हजार लोगों की भीड़ उमड़ी थी। अंतिम विदाई के दौरान वाहनों की अधिक संख्या को देखते हुए गांधी आश्रम से बहुत पहले ही वाहन स्टेण्ड की व्यवस्था की गई थी। उसके बाद लोग पैदल ही गांधी आश्रम तक पहुचे। डॉ. सुब्बाराव का पार्थिव शरीर कल रात को ही जौरा पहुंच चुका था। सुबह से उनकी पार्थिव के दर्शन करने वालों का तांता लगा था।

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