पवैया की धमकी के बाद कलेक्टर ने शस्त्र लाइसेंस रद्द किये और नगर निगम ने चलाया बुलडोजर

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Dev Shrimali
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पवैया की धमकी के बाद कलेक्टर ने शस्त्र लाइसेंस रद्द किये और नगर निगम ने चलाया बुलडोजर

GWALIOR. गौ मांस खाने के मामले में अब जिला प्रशासन एक्शन में आ गया है।  इस मामले में बीजेपी के फायरब्रांड नेता और बजरंग दल के पूर्व राष्ट्रीय संयोजक पूर्व सांसद जयभान सिंह पवैया ने सोशल मीडिया पर धमकी देते हुए यह मामला उठाया था।  इसके बाद पुलिस ने तत्काल मामला दर्ज कर कुछ लोगों को गिरफ्तार किया और कलेक्टर ने फटाफट शस्त्र  लोगों के शास्त्र लाइसेंस रद्द कर दिए। आज नगर निगम ने बुलडोजर से इनके मकान ढहा दिए। 





गोमांस खाने की खबर उड़ी थी 





मामला महाराजपुरा थाना इलाके के ग्राम  चक रायपुरा का है। यहाँ तीन रोज पहले पुलिस को गौमांस पकाने और खाने की खबर मिली थी। सोशल मीडिया पर खबर आने के बाद बीजेपी के वरिष्ठ नेता और पूर्व मंत्री जयभान सिंह पवैया ने एक पोस्ट प्रशासन को धमकी दी थी कि वे गौहत्या बर्दाश्त नहीं करेंगे और गौ हत्यारों पर कड़ी कार्यवाही नहीं हुई तो वे स्वयं जाएंगे। 





इसके बाद प्रशासन हुई एक्टिव 





 पवैया की पोस्ट के बाद तत्काल पुलिस और प्रशासन एक्टिव हुआ और केस दर्ज कर चार लोगों को गिरफ्तार भी कर लिया। इसके बाद एसपी के प्रतिवेदन पर कलेक्टर कौशलेन्द्र विक्रम सिंह ने भी फौरी कार्यवाही करते हुए गाँव के हशमत खान,गुलशन बेगम,अली खान ,राजा खान,मोहम्मद राजा ,नसरीन बानो ,हनीफ खान,सज्जन खान,लाल खान सुन्नो  बाई ,अब्दुल हुसैन ,आसिफ खान,आकाश खान सलामत खान ,अफसर खान और हसन खान के शस्त्र लाइसेंस रद्द कर दिए। 





आज घरों पर चलाया बुलडोजर 





नगर निगम के मदाखलत अमले द्वारा जिला प्रशासन के साथ आज  ग्राम चकरायपुर वार्ड क्रमांक 63 में मुरादी पुत्र गंगे खान तथा सईद पुत्र सुलेमान खान द्वारा बिना अनुमति के बनाए गए दो अवैध भवनों को तोड़ा गया। कार्रवाई के दौरान एसडीएम अशोक सिंह चौहान, तहसीलदार  कुलदीप दुबे, सीएसपी  रवि सिंह भदोरिया टीआई  यादव, थाना महाराजपुरा, सहायक सिटी प्लानर सुरेश कुमार अहिरवार, भवन अधिकारी राजीव  सोनी, पवन शर्मा, मदाखलत अधिकारी  शैलेंद्र चौहान भवन निरीक्षक  अमित साहू नगर निगम से उपस्थित थे।





राजनीति भी शुरू ,सीपीएम बोली -कार्यवाही गलत 





उधर इस मामले पर राजनीति भी शुरू हो गयी है।  सीपीआई एम ने एक दल भेजकर चक रायपुरा मेल की जांच रिपोर्ट जारी की। इसमें कहा गया कि गांव में पांच सौ घर है जिसमें दलित और मुस्लिम आधे -आधे हैं। इनमें पीढ़ियों से भाईचारा है और कोई सांप्रदायिक तनाव कभी नहीं रहा। 24 सितंबर के घटनाक्रम में विवाद सईद और अलीम के बीच हुआ था। सईद मिस्त्री है जबकि अलीम शराबी। दोनों ने कुछ दिन साथ में मजदूरी की इसमें पैसे को लेकर विवाद हुआ क्योंकि ठेकेदार ने पैसे नहीं दिए थे। उस समय अलीम के घर मांस पाक रहा था तो अलीम ये कहकर गया कि वह बजरंग दल वालों को फोन करता है कि उसके घर गौमांस पक रहा है जबकि वह गौ मांस नहीं था। पुलिस के पहुँचने पर उसने यह भी बताया कि वह यह मांस कहाँ से खरीदकर लाया था। मांस जप्त कर जांच के लिए हैदराबाद भेज दिया गया।  लेकिन बाद में पुलिस ने सईद के अलावा मुरादी,बटरी खान और पप्पू खान को भी गिरफ्तार कर लिया जबकि इनके घर मांस बन ही नहीं रहा था। सीपीएम के जसविंदर सिंह ने पुलिस और प्रशासन की कार्यवाही को एकतरफा बताते हुए  मामले की निष्पक्ष जांच की मांग की। 



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