GWALIOR.ग्वालियर में अपहरण और हत्या का आरोपी देर शाम पुलिसकर्मी का हाथ छुड़ाकर भाग निकला। पुलिसकर्मी पीछे दौड़े, लेकिन उसे पकड़ नहीं पाए। वह कुछ दूर बाद गलियों में ओझल हो गया। बाद में जब पुलिस ने सीसीटीवी फुटेज खंगाले तो वह गलियों में दौड़ लगाता दिखा। घटा के बाद एसपी ने उसकी सुरक्षा में तैनात तीन पुलिसकर्मियों को तत्काल निलंबित कर दिया। एक ख़ास बात ये कि बदमाश ने अपने को मृत घोषत करवा लिया था और फिर नाम बदलकर आराम से रह रहा था।
घटना ऐसे हुई
पुलिस ने बताया कि घटना घासमंडी स्थित श्रीकृष्ण मेमोरियल सरकारी स्कूल के पास की है। आरोपी कल ही दिल्ली से गिरफ्तार होकर आया था और अभी रिमांड पर था। पुलिस दल आरोपी की उम्र की सत्यता जानने उसे स्कूल लेकर थाने से गयी थी। उसे तीन पुलिसकर्मी लेकर गए थे और हाथ में रस्से बंधी हुई थी। स्कूल पहुंचकर जब पुलिसकर्मी वहां डॉक्युमेंट को लेकर बातचीत में व्यस्त हुए तो बदमाश ने हाथ में बंधी रस्सी को झटके से छुड़ाया और कांस्टेबल द्वारा पकडे गये हाथ को झटककर दौड़ लगा दी।इसके बाद तीनो पुलिसकर्मिंयों और स्कूल के लोगों ने भी उसका पीछा किया लेकिन वह सकरी गलियों में जाकर रफू चक्कर हो गया।
सीसीटीवी में भागते दिखा
बंदी के भाग जाने के बाद पुलिस ने घटनस्थल के आसपास के तमाम सीसीटीवी कैमरे के फुटेज तलाशे तो दो कैमरों में वह कैद दिखा। वह संकरी गली में तेजी से भागता हुआ साफ़ दिख रहा है। इसके बाद पुलिस अधीक्षक ने तत्काल सभी थानों को निर्देशित किया और देर रात तक पूरे शहर में सघन चैकिंग अभियान जारी रहा। रेलवे स्टेशन,बस स्टैंड के अलावा अनेक स्थानों पर पुलिस ने सर्चिंग की लेकिन अभी तक उसका कोई सुराग नहीं लग सका है।
नौ साल की फरारी के बाद हुआ था गिरफ्तार
फरार बदमाश का नाम जयपाल उर्फ मुकेश परिहार है, जो कि एक छात्र के अपहरण, फिरौती और हत्या करने के मामले में आरोपी है। जयपाल 9 साल बाद कल ही दिल्ली में पुलिस के हाथ आया था। पुलिस एक दिन भी उसे हवालात में नहीं रख सकी। सूत्रों ने बताया कि बदमाश को स्कूल तक ले जाने के लिए एक सब इंस्पेक्टर सहित तीन पुलिसकर्मियों की ड्यूटी लगाई गई थी,लेकिन उसे लेकर वहां दो ही गए।एडिशनल एसपी अभिनव चौकसे ने पुष्टि की कि एसपी अमित सांघी ने तीनो पुलिसकर्मियों को तत्काल प्रभाव से मुअत्तिल कर दिया है। इस मामले में पुलिस की एक बड़ी लापरवाही का खुलास यह हुआ कि आरोपी के साथ जाने के लिए थाने के रोजनामचे में तीन लोगों की गिरफ्तारी पडी है लेकिन गए दो ही। सवाल उठ रहा है कि एक पुलिसकर्मी रोजनामचा में रवानगी डालने के बाद कहाँ था ?
2013 में व्यापारी के बेटे का थी हत्या
फरार हुआ अपराधी जयपाल बड़े ही शातिर किस्म का है। जयपाल और उसके साथियों ने साल 2013 में बहोड़ापुर थाना इलाके में रहने वाले एक व्यापारी के बेटे प्रंकुल शर्मा (18) का अपहरण किया था। उन्होंने बदले में फिरौती की मांग की थी। हालांकि बाद में डबरा के पास सिंध नदी में ले जाकर छात्र की हत्या कर दी थी। इस वारदात के 9 आरोपियों में से 8 जेल पहुंच चुके थे, लेकिन जयपाल तभी से फरार था। वह यहां से दिल्ली भाग गया और नाम बदलकर रहने लगा।
अपने को मृत घोषित करवा दिया
जयपाल ने माता-पिता की मदद से खुद को यहां मृत घोषित करवा दिया था। उन्होंने सब जगह यह फैला दी कि जयपाल की मौत हो चुकी है और उन्होंने मृत्योपरांत होने वाले संस्कार भी कर दिए और नाम बदलकर दिल्ली में रहने लगा। वारदात के 9 साल बाद पुलिस को मुखबिर से जयपाल के बारे में सूचना मिली कि वह ज़िंदा है और दिल्ली में नाम बदलकर रह रहा है। । इसके बाद पुलिस लोकेशन के आधार पर दिल्ली पहुंची और शुक्रवार को उसे दबोच लिया। शनिवार को दिल्ली से ग्वालियर लेकर पहुंची। पुलिस को उसके पास से फर्जी आई कार्ड भी मिला था।बहोड़ापुर पुलिस के सब इंस्पेक्टर मोहन सिंह और हवलदार रवि पाठक उसे लेकर घासमंडी स्थित उसके स्कूल श्रीकृष्ण मेमोरियल पहुंचे थे। यहां वह उसकी अंकसूची को लेकर बात कर रहे थे। इसी समय वह चकमा देकर भागने लगा। हवलदार ने उसे पकड़ा तो उसने हाथ छुड़ाकर धक्का दे दिया और चंदन नगर की तरफ भाग गया। वह भागते हुए गली में लगे सीसीटीवी कैमरे में कैद हो गया।इस पर बड़ी लापरवाही और चूक को लेकर SSP अमित सांघी ने तीनों पुलिसकर्मियों को सस्पेंड कर दिया है। ASP शहर अभिनव चौकसे का कहना है कि आरोपी पुलिस अभिरक्षा से फरार हो गया है। इस मामले में जांच की जा रही है। पुलिसकर्मियों को सस्पेंड कर दिया गया है।