NEEMUCH : कुख्यात तस्कर बाबू सिंधी के सहयोगी आरक्षक पंकज कुमावत को नारकोटिक्स ब्यूरो ने किया गिरफ्तार, अफीम पुल का है अहम खिलाड़ी

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Kamlesh Sarda
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NEEMUCH : कुख्यात तस्कर बाबू सिंधी के सहयोगी आरक्षक पंकज कुमावत को नारकोटिक्स ब्यूरो ने किया गिरफ्तार, अफीम पुल का है अहम खिलाड़ी

NEEMUCH. बहुचर्चित बाबू सिंधी कांड (Babu Sindhi Scandal) में 5 जुलाई को आरक्षक पंकज कुमावत (Pankaj Kumawat) उर्फ पीके को केंद्रीय नारकोटिक्स ब्यूरो (Central Narcotics Bureau) ने गिरफ्तार कर लिया है। जैसे ही पीके की गिरफ्तारी की खबर अफीम (Opium) पुल में लगी तो हाहाकार मच गया क्योंकि पीके मालवा-मेवाड़ के अफीम पुल का एक अहम खिलाड़ी माना जाता है। गौरतलब है कि कुख्यात तस्कर बाबू सिंधी को 200 किलो से भी ज्यादा मादक पर्दार्थों (Narcotic Drugs) के साथ केन्द्रीय नारकोटिक्स ब्यूरो ने गिरफ्तार किया था। इसकी गिरफ्तारी के बाद से ये कयास लगाए जा रहे थे कि आरक्षक पंकज कुमावत उर्फ पीके की गिरफ्तारी भी हो सकती है। पीके बाबू सिंधी के तमाम काले कारनामों में शामिल बताया जाता था। इस मामले में सीबीएन ने पीके को कई बार नोटिस भी भेजा था और पूछताछ करना चाही थी। जानकारों की मानें तो पीके कुख्यात तस्कर बाबू के साथ जमीन के धंधे में भी पार्टनर था। वहीं इस मामले में सीबीएन (CBN) ने आज पीके को अरेस्ट कर लिया। पीके की गिरफ्तारी के बाद ये माना जा रहा है कि जल्दी ही कुछ और लोगों की गिरफ्तारी कुख्यात तस्कर मामले में हो सकती है।



यह है पूरा मामला



केंद्रीय नारकोटिक्स ब्यूरों टीम ने अगस्त माह में औद्योगिक क्षेत्र स्थित हितांशी ट्रेडिंग कंपनी पर दबिश देकर वहां जांच के दौरान गेंहू की बोरी में डोडाचूरा मिक्स कर बाहर भेजना पाया गया था। आईआरएस अधिकारी संजय कुमार के नेतृत्व में बाबू सिंधी उर्फ जय सबनानी के गोदाम पर जांच शुरू हुई। करीब 400 गेंहू की बोरी गिनी जा चुकी थी, जिसमें डोडाचूरा पीसकर मिलाया गया था। इस कार्रवाई में एमपी और राजस्थान के एक दर्जन अधिकारी शामिल थे। वहीं बाबू सिंधी से जुड़े कई पोस्तादाना व्यापारी में हडकंप मच हुआ है कि कब किससे पूछताछ हो जाए। गोदाम से कई दस्तावेज टीम को हाथ लगे। जिनमें अफीम, डोडाचूरा, धोलापाली और कालेदाने की तस्करी से जुड़े हुए है। पोस्ते की छनाई के बाद निकले धोलापाली और कालेदाने को कुख्यात तस्कर बाबू सिंधी खरीददता था। बड़े पैमाने पर इसकी तस्करी बाबू सिंधी कर रहा था। स्थानीय स्तर पर कुछेक पुलिसकर्मियों से सांठगांठ होने के कारण उस पर स्थानीय पुलिस की कार्रवाई अब तक नहीं हो पा रही थी। नीमच में वह बड़े पैमाने पर तस्करी का गिरोह संचालित कर रहा था। तस्करी से अर्जित करोड़ों रुपए से बाबू सिंधी ने नीमच व आस-पास जमीनें खरीदी है। इन दिनों वह प्रॉपर्टी में ब्लैकमनी खपा रहा था। पहली बार नीमच जिले के कुख्यात तस्कर बाबू उर्फ जय कुमार सिंधी पर केंद्रीय नारकोटिक्स ब्यूरो की टीम ने शिकंजा कसा है। बाबू सिंधी तस्कर गिरोह का पर्दाफाश हो गया है।



पीके ने नहीं दिया नोटिस का जवाब



तस्कर बाबू सिंधी के गिरफ्तार होने के बाद उससे जुड़े लोगों पर CBN की नजर कब से थी। कुछ लोगों को तो नोटिस तक देकर जवाब मांगा गया था। कुछ लोग CBN पहुंचे भी थे और बयां भी हुए। लेकिन बाबू सिंधी से जुड़े पुलिसकर्मी पंकज कुमावत के बयां अब तक नहीं हो पाए थे। पंकज काफी समय से CBN के सामान का जवाब न देते हुए अपनी ड्यूटी से भी गैर हाजिर रहा। जिसे लेकर विभिन्न जांचे विभागीय भी उस पर चल रही हैं। फिलहाल इसका मुख्यालय देवास है।



विभाग ने की पूछताछ



पंकज की गिरफ़्तारी की खबर जैसे ही आई तो सनसनी फेल गई। हर कोई ये जानने को बेताब था कि पंकज कहा से पकड़ाया और अब उसके साथ क्या होने वाला है।  पंकज पुलिस विभाग में आरक्षक है तो विभाग में भी खलबली मच गई। जब हमने इस मामले को टटोला तो सूत्रों से पता चला कि आज CBN द्वारा दिए गए नोटिस की तारीख थी जिसे लेकर ही पंकज कुमावत CBN के पास पंहुचा था। जहां उसके बयान अभी लिए जा रहे हैं। बयानों में CBN के जांच के कई बिंदु है, जिस पर पंकज को जवाब देना है। जवाब संतोषजनक नहीं रहा तो आगे की कार्रवाई CBN द्वारा की जाएगी। हो सकता है कि जेल भी भेजा जाए।


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