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BHOPAL. युवाओं के संगठन नेशनल एजुकेटेड यूथ यूनियन (NEYU) ने मध्य प्रदेश लोक सेवा आयोग (एमपीपीएससी) पर सरकार की कठपुतली बनने का आरोप लगाते हुए इसके अध्यक्ष राजेशलाल मेहरा के खिलाफ ट्विटर पर कैंपेन छेड़ने का ऐलान किया है। संवैधानिक संस्था को आजाद करो के नारे के साथ रविवार 23 अक्टूबर को सुबह 10 बजे से ट्विटर पर शुरू किए जा रहे इस कैंपेन का हैशटैग ( #राजेशलाल_मेहरा _इस्तीफा _दो ) रखा गया है।
सरकार के इशारे पर हो रहे हैं आयोग के निर्णय
एनईवाययू ने प्रदेश के ज्यादा से ज्यादा युवाओं से इस अभियान से जुड़ने का आह्वान करते हुए लिखा है कि एमपीपीएससी की भर्तियों के बारे में सभी निर्णय प्रदेश सरकार द्वारा लिए जा रहे हैं। उन्हीं निर्देशों पर ही आयोग लाखों युवाओं के भविष्य के साथ खेल रहा है। परीक्षार्थियों के हित में प्रदेश सरकार के पिंजरे में कैद इस चिड़िया को आजाद कराना होगा। इसके लिए कल सभी युवा ट्विटर कैंपेन में सहभागी बनें।
कानूनी दांवपेंच में उलझाए जा रहे हैं पीएससी के रिजल्ट
संगठन की नेशनल कोर कमेटी के सदस्य राधे जाट ने द सूत्र से चर्चा में कहा कि पिछले चार सालों से मध्यप्रदेश लोक सेवा आयोग राज्य सरकार की कठपुतली बनकर रह गया है। ये संवैधानिक और स्वायत्त संस्था होने के बाद भी सिर्फ सरकार के इशारे पर कार्य कर रहा है। इसलिए युवाओं के साथ हो रहे अन्याय के खिलाफ ट्विटर कैंपेन चलाने का निर्णय लिया गया है। उन्होंने मध्यप्रदेश पीएससी की राज्य सेवा प्रारंभिक परीक्षा 2021 और मध्यप्रदेश राज्य वन सेवा प्रारंभिक परीक्षा 2021 के रिजल्ट को असंवैधानिक बताते हुए रिजल्ट में धांधली के लिए सरकार को जिम्ममेदार ठहराया है। उनका आरोप है कि यह सब इसलिए किया क्योंकि रिजल्ट कानूनी पेंच में उलझ जाए और सरकार को किसी की भर्ती ही नहीं करना पड़े।