Panna. पन्ना शहर के सिविल लाइन की बेशकीमती जमीन और नहरपट्टी के बहुचर्चित मामले में नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल यानि NGT का फैसला आने के बाद एक बार फिर ये मामला सुर्खियों में है। जिसमें NGT ने कांग्रेस की पूर्व जिलाध्यक्ष दिव्या रानी सिंह की याचिका खारिज करते हुए 25 हजार का जुर्माना लगाया है। शासन को जुर्माना राशि वसूलने का आदेश दिया है।
क्या था मामला ?
पन्ना शहर की बेशकीमती नहर पट्टी की बेशकीमती करोड़ों रुपए की जमीन में कांग्रेस पार्टी पूर्व जिला अध्यक्ष दिव्या रानी सिंह का वर्षों से कब्जा था। जबकि मौके पर एक भी फलदार वृक्ष नहीं है। इस बहुचर्चित जमीन मामले में पहले जिला प्रशासन के द्वारा कार्रवाई करते हुए दिव्या रानी सिंह का अतिक्रमण हटाते हुए पाथवे निर्माण कार्य शुरू करवा दिया था। जिससे ये विवाद काफी गर्माया और प्रदेश की राजनीति में इस मामले ने खलबली मचा दी थी। राजनीतिक आरोप-प्रत्यारोप का दौर चला था। कांग्रेस पार्टी दिव्या रानी के द्वारा मामले को हाईकोर्ट तक ले गई। लेकिन वहां से भी उन्हें फटकार लगी और कोर्ट ने 2 हजार रुपए का जुर्माना लगा दिया था।
झूठे निकले आरोप
पन्ना नगर पालिका के ने नहर पट्टी की जमीन में पाथवे का निर्माण कार्य शुरू किया। जिसमें कांग्रेस की पूर्व जिलाध्यक्ष ने प्रशासन के ऊपर फलदार वृक्ष को काटने का आरोप लगाया गया और मामला अपने पक्षदार से एनजीटी तक पहुंचाया गया। जिसमें नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल में फरियादी महेश पाल की याचिका में दावा किया गया था। प्रशासन पाथवे का निर्माण कर रहा है। जिसमें बड़ी संख्या में फलदार वृक्ष काटे गए हैं। लेकिन यहां से भी उन्हें कामयाबी नहीं मिली। आखिरकार एनजीटी ने फैसला सुनाते हुए दिव्यारानी सिंह की याचिका को खारिज किया। इसके साथ ही 25 हजार रुपए का जुर्माना लगाया।