NSUI का व्यापमं को लेकर सरकार पर तंज, बोर्ड और चौराहे को दिया नया नाम

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sootr editor
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NSUI का व्यापमं को लेकर सरकार पर तंज, बोर्ड और चौराहे को दिया नया नाम

भोपाल. विवादों में घिरे प्रोफेशनल एग्जामिनेशन बोर्ड (peb) का नाम बदलने के बावजूद पुराने दाग धुलने का नाम नहीं ले रहे हैं। हाल ही में पुलिस आरक्षक भर्ती की परीक्षा में हुई गड़बड़ी के बाद विपक्ष लगातार सरकार पर आक्रमक है। व्यापमं का दाग गहरा करने के लिए एनएसयूआई ने व्यापमं और व्यापमं चौराहे का नामकरण किया है। कार्यकर्ताओं ने व्यापमं के बाहर घोटाला घर के पोस्टर चस्पा किए। यही नहीं व्यापमं चौराहे पर घोटाला घर चौराहे का पोस्टर लगाया।









NSUI ने कहा पीईबी ने युवाओं का भविष्य खराब किया





एनएसयूआई प्रदेश उपाध्यक्ष आशुतोष चौकसे ने कहा कि व्यापामं जिसे अभी प्रोफेशनल एग्जामिनेशन बोर्ड यानी पीईबी कर दिया है, उसने युवाओं और छात्रों का भविष्य खराब किया है। इसकी वजह से लाखों युवाओं का भविष्य खराब होने की स्थिति में है। शिक्षक वर्ग-3 की परीक्षा के पेपर लीक होने का आरोप लगाते हुए परीक्षा को निरस्त करने के साथ सीबीआई से जांच कराने का मांग की है।









क्या है मामला





व्यापमं घोटाले से बदनाम हुए व्यावसायिक परीक्षा मंडल को राज्य सरकार ने प्रोफेशनल एक्जामिनेशन बोर्ड नाम देकर उसकी पहचान को नया नाम दिया था मगर इसके बाद भी हाल ही में हुई शिक्षक वर्ग-3, आरक्षक भर्ती और कृषि विस्तार अधिकारी परीक्षाओं के दौरान पीईबी पर फिर से सवाल खड़े हुए हैं। शिक्षक वर्ग 3 परीक्षा के पर्चे लीक होने को लेकर शिवराज सरकार के मंत्री और वरिष्ठ अधिकारी भी घेरे में आए हैं। इससे विपक्ष को मौका मिल गया है और वह पीईबी के खिलाफ लगातार आक्रामक है।









बदनाम क्यों है व्यापमं





2013 में इसके जरिए होने वाली मेडिकल समेत कई परीक्षाओं में एक के बाद एक कई नकलची पकड़े गए थे। इसमें ऐसे भी लोग थे, जो दूसरे की जगह पर परीक्षा दे रहे थे। तब शिवराज सरकार ने एसआईटी का गठन किया था। फिर जब एक के बाद एक कई छात्रों की मौत होने लगी तो इसकी जांच सीबीआई को सौंप दी गई थी। व्यापमं घोटाले में 100 से अधिक लोगों को सजा हो चुकी है। कई मामलों में अब भी सुनवाई कोर्ट में जारी है। व्यापमं (प्रोफेशनल एग्जामिनेशन बोर्ड) राज्य सरकार की एक स्व वित्त पोषित, स्वायत्त निगमित निकाय है। वर्ष 1970 में इसकी शुरुआत मध्यप्रदेश में प्री मेडिकल टेस्ट बोर्ड के रूप में की गई थी। बाद में वर्ष 1981 में, प्री इंजीनियरिंग बोर्ड का गठन किया गया। वर्ष 1982 में, इन दोनों बोर्डों का विलय कर दिया गया और व्यावसायिक परीक्षा मंडल (व्यापमं) नाम दिया गया।



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