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संजय गुप्ता. INDORE. आदिवासी संगठन जयस, ओबीसी महासभा के बाद अब मप्र सरकार युवा बेरोजगारों के निशाने पर आ गई है। भोपाल में हुए प्रदर्शन के दौरान जिस तरह पुलिस ने इन्हें पकड़कर शहर के बाहर किया और प्रदर्शन को कुचला, इसके बाद युवा बेरोजगार और एकजुट होने लगे हैं। आंदोलन के लिए बने संगठन नेशनल एजुकेटेडे यूथ यूनियन (एनईवाययू) की समिति ने इंदौर में बैठक कर तय किया है कि वह दो माह के भीतर भोपाल में एक लाख युवाओं के साथ बड़ा प्रदर्शन करेगी। वहीं यह भी तय किया है कि यदि एक लाख पदों पर भर्ती नहीं होती है तो कोई भी युवा बीजेपी को वोट नहीं देगा। इसके साथ विरोध पार्टी को भी वोट तभी देंगे, तब वह अपने घोषणापत्र में सबसे पहले बेरोजगारों को नौकरी देने का वादा करे।
हर जिले में जाकर जागरूक करेंगे
समिति के प्रवक्ता ने द सूत्र को बताया कि हमने 21 सितंबर से अभी तक पूरा शांतिपूर्वक प्रदर्शन किया, हमारी गलती केवल यह थी हम रोजगार मांग रहे हैं। भोपाल तक पैदल गए, पैरों में छाले पड़ गए, लेकिन इसके बाद भी मुख्यमंत्री जो खुद को बच्चों का मामा कहते हैं, वह मिलने तक नहीं आए। इसलिए अब हम और बड़ा प्रदर्शन करेंगे। इसके लिए युवाओं को जगाएंगे और कमेटी के सदस्य हर जिले में जाकर युवाओं को जोड़ेंगे और जल्द तारीख तय कर फिर भोपाल पहुचेंगे।
हर जिले में ज्ञापन भी देंगे
संगठन की समिति ने यह भी फैसला लिया कि वह अगले कुछ दिनों में कलेक्टर, कमिशनर को अपनी मांगों को लेकर ज्ञापन देंगे। शासन को भी आंदोलन से एक माह पहले ही आंदोलन की तारीख देकर मंजूरी मांगेगे। वह मंजूरी दे या नहीं, हम आंदोलन तो करके रहेंगे।
अभी तक यह हुआ
आंदोलनकारी राधे जाट ने कहा कि हमे पहले भोपाल में प्रशासन ने मंजूरी दी थी लेकिन बाद में शाहजहानी पार्क में बंद कर दिया। 9 अक्टूबर को हमे बसों में बैठाकर यहां-वहां कर दिया गया। इसके बाद भी हजारों अभ्यर्थी जब वल्लभ भवन पहुंच गए तो वहां से भी हटाया गया। अलग-अलग जगह से आए युवाओं को रोक दिया गया और नजरबंद करके रखा।