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भोपाल रियासत (Bhopal State) के नवाब हमीदुल्ला खान (Nawab Hamidullah Khan) की भोपाल, रायसेन सीहोर और आसपास के क्षेत्र मे करीब 133 से ज्यादा बेशकीमती संपत्तियां है। जिसे शत्रु संपत्ति कानून के तहत जब्त किया जा सकता है। 2015 में केंद्र सरकार ने भोपाल नवाब की जमीन को शत्रु संपत्ति के दायरे में रख कर इसका सर्वे शुरु कराया था। जिसके के बाद नवाब परिवार से जुड़े 20 से ज्यादा दावेदार सामने आए थे। जिन्होने संपत्तियों के उत्तराधिकारी होने का दावे पेश करते हुए संपत्ति को शत्रु संपत्ति कानून के दायरे में रखने का विरोध किया था। जिसमें शर्मिला टैगौर (Sharmila Tagore) और सैफ अली खान (Saif Ali Khan) और उनकी दोनों बहने भी शामिल थी। वहीं, 31 जुलाई 2019 को जब सुप्रीम कोर्ट ने को रामपुर स्टेट के संबंध में नवाब की संपत्तियों के बंटवारे पर एक फैसला सुनाया था। जिसमें कहा गया था कि, नवाब संपत्तियों का बंटवारा मुस्लिम विधि से ही होगा। जिसके बाद सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले को आधार बनाकर नवाब हमीदुल्ला खान की संपत्ति पर दावा पेश कर रहे 20 अधिक लोगों ने हाई कोर्ट में याचिका दायर कर खुद के उत्तराधिकारी होने का दावा पेश किया था। अगर इनके पक्ष में फैसला आया तो संपत्ति के 20 हिस्से हो सकते हैं। लेकिन अगर फैसला इनके खिलाफ आया तो सरकार संपत्ति को शत्रु संपत्ति कानून के तहत जब्त करने की प्रकिया शुरु कर सकती है। नवाब संपत्तियों से जुडा रिकॉर्ड भोपाल में अहमदाबाद पैलेस, (Ahmedabad Palace) फ्लैग स्टाफ हाउस, मोटर गैराज व रायसेन जिले के चिकलौद में है।
नवाब हमीदुल्ला खान संपत्ति विवाद
नवाब हमीदुल्ला खान की करीब 133 से ज्यादा संपत्तिया भोपाल (Bhopal) रायसेन (Raisen) सीहोर जिले के अलावा अन्य जिलों में मौजूद है। इनमें से कई संपत्ति को लेकर हाई कोर्ट और सुप्रीम कोर्ट में मामले चल रहे हैं। नवाब की 7 से ज्यादा गांव में 4000 ज्यादा कृषि भूमि है, इसमें से 600 एकड़ भूमि पर एक तालाब, 2300 एकड़ भूमि पर जंगल और 1200 एकड़ कृषि भूमि है। जिस पर एक एयरपोर्ट बना है। नवाब की 133 निजी प्रॉपर्टी को छोड़कर बाकी सब को सीलिंग के दायरे में ले लिया गया था। अफसरों की मिलीभगत के चलते कुछ जमीनें सरकारी रिकॉर्ड में दर्ज नहीं हो पाई थी। करीब 2 साल पहले भोपाल, सीहोर, रायसेन जिले में 4 हजार एकड़ जमीन का मामला सामने आने के बाद तत्कालीन अपर आयुक्त राजेश जैन ने साल1971 का राजस्व रिकॉर्ड खंगाला था। वर्ष 1961 में सीलिंग एक्ट आया था। जमीदारी प्रथा के उन्मूलन के बाद 1961में लैंड सीलिंग एक्ट (land ceiling act) लागू किया गया था। इसके अनुसार एक व्यक्ति 16 एकड़ से ज्यादा सिंचित भूमि नहीं रख सकता था। एक्ट के प्रावधान के मुताबिक जिसके पास 54 एकड़ से ज्यादा जमीन थी। उसे इसके दायरे में लाया गया था।
क्या है शत्रु संपत्ति एक्ट
केन्द्र सरकार ने 1968 में शत्रु सम्पत्ति अधिनियम (enemy property act) पारित किया था। इस अधिनियम के बाद सरकार को यह अधिकार मिल गया था कि वह भारत पाक बंटवारे (india pakistan partition) के समय और बाद में 1962, 1965 तथा 1971 के भारत-पाक युद्ध के बाद पाकिस्तान जाकर बसने वाले लोगों की सम्पत्ति जब्त कर सके। सरकार को यह हक है कि वह शत्रु सम्पत्ति के लिये संरक्षक नियुक्त कर सकती है। वर्तमान केन्द्र सरकार ने 2016 में शत्रु सम्पत्ति संशोधन विधेयक 2016 पारित करवाया था। इसके तहत अब भारत में रह रहे उनके उत्तराधिकारियों को भी इस दायरे में लाया गया है। भोपाल में नवाब की करीब 133 सम्पत्तियों की जांच की जा रही है। इसमें 1600 एकड़ खेती की जमीन भी शामिल है।
क्यों जब्त हो सकती नवाबी संपत्ति
भोपाल के नवाब हमीदुल्ला खान ने अपनी जायदाद का वारिस अपनी बड़ी बेटी आबिदा को बनाया था, जो पाकिस्तान चली गई थीं, जिसके बाद इस प्रॉपर्टी पर नवाब की मझली बेटी साजिदा सुल्तान के परिवार ने कब्जा कर लिया था। जिनके पोते हैं सैफ अली खान, जो कि हमीदुल्ला खान के पड़पोते हैं। 2016 में शत्रु सम्पत्ति एक्ट में जो संसोधन किया गया है उसके मुताबिक अब भारत में रह रहे शत्रु संपत्ति के उत्तराधिकारियों को भी इस दायरे में लाया गया है। अगर सुप्रीम कोर्ट का फैसला सरकार के पक्ष में आया तो भोपाल नवाब हमीदुल्ला खान की सभी संपत्ति पर भारत सरकार कब्जा कर सकती है।
कोर्ट में लंबित है संपत्ति विवाद
नवाब हमीदुल्ला खान की विवादित संपत्ति के विवाद लंबे समय से हाई कोर्ट और सुप्रीम कोर्ट लंबित है भोपाल की जिन जमीनों को सीलिंग एक्ट के के दायरे में लिया जाना था। उस विवाद को लेकर एक बार फिर नोटिस जारी हुआ है, लेकिन कोरोना महामारी के चलते सुनवाई नहीं हो पाई है। करीब एक साल पहले भोपाल के नवाब खानदान से जुड़े 100 साल पुराने दस्तावेजों से भरा ट्रक अहमदाबाद पैलेस के सामने पकड़ाने के बाद इस खानदान की संपत्तियों को लेकर चल रहा विवाद और भी गहरा गया है, यह विवाद पांच जिलों में फैला हुआ है।
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