बड़वानी. नर्मदा नव निर्माण की ट्रस्टी मेधा पाटकर समेत अन्य ट्रस्टियों पर 13 करोड़ रूपए की वित्तिय अनियमितता के आरोप लगे हैं। बड़वानी पुलिस इन आरोपों की जांच कर रही है। जिसके लिए अलग—अलग जगहों से सबूत जुटाए जा रहे हैं।
मप्र और महाराष्ट्र से जुटाए जा रहे साक्ष्य
कुछ दिनों पहले समाज सुधारक और नर्मदा नव निर्माण की ट्रस्टी मेधा पाटकर समेत अन्य ट्रस्टी पर संगीन आरोप लगे थे। जिसके बाद बड़वानी थाना कोतवाली में 13 करोड़ से ज्यादा की राशि की वित्तीय अनियमितता को लेकर प्रकरण दर्ज किया गया था। इसी के मद्देनजर महाराष्ट्र और मध्यप्रदेश की कई जगहों से पुलिस विभाग प्रकरण की जांच करने के लिए सबूत जुटा रहा है।
हम हर जांच के लिए तैयार: मंडलोई
बड़वानी जिला पुलिस अधीक्षक दीपक कुमार शुक्ला ने बताया कि पुलिस विभाग की एक टीम महाराष्ट्र भेजी गई है, साथ दूसरा दल मध्य प्रदेश के कई स्थानों पर जांच कर रहा है। वहीं बड़वानी टीआई ने नर्मदा बचाओ आंदोलन कार्यालय जा कर एक नोटिस दिया है। इन आरोपों को लेकर नर्मदा बचाओ आंदोलन के सदस्य महेंद्र मंडलोई कहा कहना है कि हम हर तरह की जांच के लिए तैयार है, हमारे ऊपर लगाए गए आरोप बेबुनियाद है।
ये है पूरा मामला
मध्य प्रदेश के बड़वानी में कोतवाली थाना पुलिस ने नर्मदा बचाओ आंदोलन(Narmada Bachao Andolan) की नेत्री मेधा पाटकर समेत 11 लोगों के खिलाफ धोखाधड़ी का मामला दर्ज किया है। आरोप है कि उनके एनजीओ ले आदिवासी बच्चों की शिक्षा और सामाजिक कार्यों के नाम पर 13.5 करोड़ रूपये से ज्यादा की रकम जमा की है, और इस रकम का राजनीतिक गतिविधियों और विकास परियोजनाओं के खिलाफ विरोध प्रदर्शन में दुरुपयोग किया गया है।
कौन हैं मेधा पाटकर?
नर्मदा नव निर्माण की ट्रस्टी मेधा पाटकर भारतीय सामाजिक कार्यकर्ता होने के साथ—साथ एक समाज सुधारक हैं, इसके साथ ही उन्हें भारतीय राजनीतिज्ञ के तौर पर भी देखा जाता है। मेधा पाटकर का नाम नर्मदा बचाओ आंदोलन की संस्थापक के रूप में काफी प्रचलित है। उन्होंने नर्मदा बचाओ आंदोलन की शुरुआत की थी।