देव श्रीमाली, Gwalior. राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग के राष्ट्रीय अध्यक्ष विजय सांपला को ग्वालियर में उपेक्षा और परेशानी का शिकार होना पड़ा। वे रेलवे स्टेशन पर इंतजार करते रहे लेकिन अगवानी करने जिला प्रशासन का कोई अफसर नहीं पहुंचा। उन्हें लेने कोई सरकारी गाड़ी भी नहीं पहुंची। जैसे-तैसे गाड़ी पहुंची तो वो प्राइवेट टैक्सी थी जिसमें फ्लैग नहीं लगा था। विजय सांपला ने उस टैक्सी में बैठने से इनकार कर दिया।
पार्टी नेता की गाड़ी में बैठकर पहुंचे सर्किट हाउस
राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग के राष्ट्रीय अध्यक्ष विजय सांपला सुबह गतिमान एक्सप्रेस से ग्वालियर पहुंचे। उन्हें केंद्र सरकार ने कैबिनेट मंत्री का दर्जा दे रखा है। उनके स्टाफ ने इनके प्रवास की सूचना जिला प्रशासन को दी थी। वे स्टेशन पर उतरे तो वहां जिला प्रशासन के प्रतिनिधि को तलाशते नजर आए लेकिन वाहन कोई पहुंचा ही नहीं था। हालांकि स्टेशन पर बीजेपी के महामंत्री हरीश मेवाफरोश वहां पहुंचे थे। उन्होंने अगवानी की। सांपला जब बाहर आए तो वहां फ्लैग लगी कोई गाड़ी भी नहीं दिखी। प्रशासन के इस रवैये से वे नाराज दिखे। इसके बाद वे पार्टी नेता आलोक डंगस की गाड़ी में बैठकर सर्किट हाउस पहुंचे।
SDM पुष्पा पुसाम की थी ड्यूटी
विजय सांपला की नाराजगी देख मेवाफरोश ने एसडीएम सीबी प्रसाद को कॉल किया और इस अव्यवस्था से अवगत कराया। एसडीएम पुष्पा पुसाम की ड्यूटी लगाई गई थी। उनका कहना था कि गाड़ी का फ्लैग खराब था। उधर सर्किट हाउस से सांपला दतिया रवाना होने को निकले तो पोर्च में बिना फ्लैग के निजी गाड़ी उनके लिए खड़ी मिली तो वे नाराज हो गए। उन्होंने उसमें यात्रा करने से इनकार कर दिया और डंगस की गाड़ी में बैठ गए। इसकी खबर मिलते ही प्रशासन हरकत में आया और फिर एक साथ तीन गाड़िया फ्लैग लगाकर सर्किट हाउस पहुंच गईं और फिर वे सरकारी गाड़ी से दतिया रवाना हुए।