नीमच. मध्यप्रदेश (Madhya Pradesh) के निमच (Neemuch) जिले में विधायक दिलीप सिंह परिहार (Dilip Singh Parihar) को कैंसर पीड़ित किशोरी को आर्थिक मदद उपलब्ध नहीं करा पाने के कारण परिवार के गुस्से का शिकार होना पड़ा। जब वे पीड़ित परिवार के घर पहुंचे तो उन्हें मृत किशोरी के दादा ने जमकर खरी खोटी सुनाई। कहा कि आप समय रहते मदद कर देते तो शायद मेरी बेटी बच जाती।
आर्थिक सहायता देने की बात कही थी : जनप्रतिनिधियों को कैंसर और गंभीर बीमारियों के पीड़ितों को आर्थिक सहायता देने के लिए स्वेच्छानुदान राशि मिलती है। जानकारी के अनुसार नीमच में कैंसर पीड़ित निधि की रविवार को मौत हो गई। वह तीन वर्षों से कैंसर से जूझ रही थी। परिवार ने निधि के इलाज में सारी जमा पूंजी लगा दी। इसके बाद परिवार ने आमजन और जनप्रतिनिधियों से मदद मांगी थी। विधायक दिलीप सिंह परिहार ने परिवार को 20 हजार की आर्थिक मदद देने की बात की थी, लेकिन वह भी परिवार को समय से नहीं मिल पाए।
विधायक पर फूट परिजनों का गुस्सा : बच्ची की मौत के बाद विधायक दिलीप सिंह परिहार परिजनों को सांत्वना देने पहुंचे थे, लेकिन बच्ची के दादा बालचंद्र वर्मा का गुस्सा विधायक पर फूट पड़ा। उन्होंने विधायक को खरी-खोटी सुनाते हुए मोटी चमड़ी का बताया। उन्होंने कहा कि आप समय रहते मदद कर देते तो शायद मेरी बेटी बच जाती। बीजेपी विधायक दिलीप सिंह परिहार से उन्होंने हाथ जोड़कर विनती की और बोले की मेरी बेटी तो चली गई है मगर आगे से कोई आपसे मदद मांगे तो उसकी मदद आप तुरंत करना।
MLA ने कहा- परिजनों की पीड़ा को देखकर महसूस हूं : पूरे घटनाक्रम पर विधायक दिलीप सिंह परिहार का कहना है कि बच्ची के पिता मुझसे मिलने आए थे। तब मैंने उनसे बच्ची के इलाज का एस्टीमेट बनाकर देने को कहा था, लेकिन वह मुझे नहीं मिला। बाद में मैंने स्वेच्छानुदान से 20 हजार रुपए स्वीकृत किए थे। उन्होंने कहा परिजनों की पीड़ा को देखकर महसूस हुआ। अब मुख्यमंत्री से मिलकर निवेदन करूंगा कि स्वेच्छानुदान की राशि के लिए चेक बुक दे दें ताकि हम तत्काल मदद कर सकें।