VIDISHA : डॉक्टरों और नर्सिंग स्टाफ की लापरवाही से 1 महीने की बच्ची की मौत, हल्का बुखार आने पर अस्पताल में किया था भर्ती

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The Sootr CG
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VIDISHA : डॉक्टरों और नर्सिंग स्टाफ की लापरवाही से 1 महीने की बच्ची की मौत, हल्का बुखार आने पर अस्पताल में किया था भर्ती

अविनाश नामदेव, VIDISHA. ये मेरा ड्रीम प्रोजेक्ट है, इस अटल बिहारी वाजपेयी मेडिकल कॉलेज को सर्व सुविधायुक्त बनाना मेरा उद्देश्य है जिसमें विदिशा ही नहीं अन्य जगहों से भी लोग अपना इलाज कराने यहां आएंगे। ये बात मध्यप्रदेश के मुखिया शिवराज सिंह चौहान ने कुछ समय पहले कही थी लेकिन उनका ये ड्रीम प्रोजेक्ट मेडिकल कॉलेज विदिशा के लिए वरदान नहीं अभिशाप बनता जा रहा है। यहां डॉक्टर, नर्सिंग स्टाफ और यहां तक कि गार्ड भी लापरवाही बरत रहे हैं। मरीजों की मौत होना सामान्य बात हो गई है।



लापरवाही की वजह से गई बच्ची की जान



गंजबासौदा के एक दंपति ने एक बच्ची को गोद लिया था वो सिर्फ 1 महीने की थी। 9 तारीख को मामूली बुखार होने पर उसे विदिशा मेडिकल कॉलेज के एसएनसीयू में भर्ती कराया गया। यहां उन्हें उम्मीद थी कि उनकी बेटी दोबारा हंसते-खेलते उन्हें मिलेगी लेकिन जब उनकी बेटी उनके हाथ में आई तो वो इस दुनिया को अलविदा कह चुकी थी। परिजन का कहना है कि 2 दिन पहले बच्ची कुछ स्वस्थ हुई थी फिर दस्त लगने पर उसे दोबारा भर्ती करा दिया गया, लेकिन उसके बाद उसे वो दोबारा जीवित नहीं देख पाए।



परिजन ने डॉक्टरों और नर्सिंग स्टाफ पर लगाया आरोप



बच्ची के परिजन ने डॉक्टरों और नर्सिंग स्टाफ पर इलाज में लापरवाही करने के आरोप लगाए। बच्ची की मां का कहना है कि नर्सिंग स्टाफ और डॉक्टरों ने उनके साथ अच्छा बर्ताव नहीं किया। परिजन को एसएनसीयू के बाहर बरामदे में भी बैठने की अनुमति नहीं थी। पांचवी मंजिल पर बने एसएनसीयू में बार-बार ऊपर नीचे आना संभव नहीं था। यहां तक कि महिलाओं को भी एसएनसीयू के आसपास नहीं रहने दिया गया। परिजन 24-24 घंटे बाद भी अपने बच्चों की शक्ल नहीं देख पा रहे थे।



'ऐसा दुर्व्यवहार विदिशा में ही देखा है'



बच्ची के पिता गुजरात में काम करते हैं। विदिशा में उनकी ससुराल है। उन्होंने उस मासूम को गोद लेने के साथ अच्छा जीवन देने का संकल्प लिया था। उन्होंने कहा कि गुजरात में भी कई अस्पताल हैं लेकिन ऐसा दुर्व्यवहार उन्होंने विदिशा में ही देखा है इसके अलावा कहीं और नहीं देखा। वहीं बच्ची के मामा का कहना है कि अस्पताल का स्टाफ उन्हें दुत्कार कर भगा रहा है, अन्य मरीजों और उनके परिजन का भी यही हाल है।



गंजबासौदा के ही दुर्गेश के एक बेटे की भी मौत



गंजबासौदा के हथोड़ा गांव के दुर्गेश विश्वकर्मा 4 अगस्त को अपने जुड़वा बेटों को लेकर यहां आए थे। उनके एक बेटे की मौत हो गई है, वहीं दूसरे का इलाज जारी है। एक मरीज के परिजन का कहना है कि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने जिस उद्देश्य को लेकर इस मेडिकल कॉलेज की नींव रखी थी वो यहां पूरा नहीं हो रहा है। डॉक्टर, नर्स, वार्ड बॉय और गार्ड भी मरीजों के साथ दुर्व्यवहार करते हैं।


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