Bhopal. मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल में सिरोंज के एक 70 साल के बुजुर्ग का बुरा हाल हो गया। बुजुर्ग के पैर में एक घाव हो गया था किसी ने रात में एसिड जैसी चीज उनके पैर पर डाल दी थी। वे इलाज कराने भोपाल के हमीदिया अस्पताल पहुंचे। हमीदिया अस्पताल ने आधा-अधूरा इलाज करके बुजुर्ग को भगा दिया। बुजुर्ग फुटपाथ पर तड़पता रहा, उसके घाव में कीड़े पड़ गए। रास्ते से गुजर रहे एक शख्स शाहाब सलीम ने बुजुर्ग की मदद की। उसने कुछ लोगों की मदद से बुजुर्ग के घाव से कीड़े निकाले, इसके बाद बुजुर्ग को नहलाया और मरहम पट्टी की। बुजुर्ग को दोबारा हमीदिया अस्पताल में भर्ती कराया गया है।
बुजुर्ग बाबूलाल का कोई नहीं
बुजुर्ग बाबूलाल ने बताया कि उनकी शादी नहीं हुई है। उनके परिवार में उनका अपना कोई नहीं है। भाई-भतीजों ने उन्हें भगा दिया। वे सिरोंज में भीख मांगकर गुजारा कर रहे थे और फुटपाथ पर सोते थे। एक दिन रात में किसी ने एसिड जैसी चीज उनके पैर पर डाल दी थी। घाव का इलाज कराने वे सिरोंज से भोपाल पहुंचे थे लेकिन भोपाल के हमीदिया अस्पताल ने भी उन्हें दर्द ही दिया।
क्या कह रहे हैं हमीदिया के कर्मचारी ?
पूरे मामले में भोपाल के हमीदिया अस्पताल की लापरवाही उजागर हुई है। अस्पताल के कर्मचारियों का कहना है कि बेसहारा बुजुर्ग को लोग 108 एंबुलेंस से हमीदिया अस्पताल भेज देते हैं। इलाज के बाद जब बुजुर्ग को देखभाल की जरूरत होती है तो वृद्धाश्रम चलाने वाली संस्थाएं भी बुजुर्ग को अपने यहां रखने से कतराती हैं। साफ-सफाई नहीं होने से जख्म में अक्सर कीड़े पड़ जाते हैं।
बचाव करता दिखा हमीदिया अस्पताल प्रबंधन
हमीदिया अस्पताल के PRO डॉ. एके जैन का कहना है कि हमीदिया अस्पताल में ऐसे मरीजों के लिए सोशल वर्कर्स रखे गए हैं। बेसहारा और अकेले मरीजों को इलाज के बाद ही डिस्चार्ज किया जाता है। डिस्चार्ज होने के बाद भी घाव की साफ-सफाई नहीं होने से हालत बिगड़ जाती है।