नेमावर हत्याकांड: आरोपियों को जब तक फांसी नहीं होगी, तब तक चलेगी न्याय यात्रा

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Pooja Kumari
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नेमावर हत्याकांड: आरोपियों को जब तक फांसी नहीं होगी, तब तक चलेगी न्याय यात्रा

देवास. नेमावर (namewar) में एक ही परिवार के पांच लोगों के निर्मम हत्याकांड (Massacre) के आरोपी दरिंदों को जब तक फांसी नहीं हो जाती हम चैन से नहीं बैठेंगे। मध्यप्रदेश (Madhya Pradesh) के देवास (Dewas) जिले के नेमावर में हुए सामूहिक हत्याकांड में जिंदा बची बेटी ने न्याय यात्रा शुरू की है। कई दिनों तक भ्रमण करने के बाद ये यात्रा भोपाल (Bhopal) पहुंचेगी। न्याय यात्रा निकाल रही बेटी की मांग है कि हर हाल में न्याय चाहिए। आरोपियों को फांसी दी जाए। इस स्थान पर पुष्प अर्पित कर शपथ ली गई कि, 'जब तक दरिंदों को फांसी नहीं हो जाती तब तक ना तो हम चैन से बैठेंगे और ना ही न्याय यात्रा रुकेगी।'



न्याय यात्रा की शुरुआत में खासी भीड़ : 1 जनवरी को नेमावर से इस न्याय यात्रा की शुरुआत हुई। न्याय यात्रा से पहले पूजा की गई। यह न्याय यात्रा (Nyay Yatra) भारती कास्डे (Bharti Kasde) निकाल रही हैं जो परिवार की एकमात्र जिंदा सदस्य हैं। शेष सदस्यों की हत्या कर दी गई थी। इस न्याय यात्रा की शुरुआत में खासी भीड़ रही। भारती कास्डे के साथ विधायक हीरालाल (MLA Hiralal) अलावा और सामाजिक संगठन से जुड़े कार्यकर्ता इसमें शामिल हुए। यह यात्रा प्रतिदिन करीब 15 किमी का सफर तय करेगी। 11वें दिन यात्रा राजभवन, भोपाल पहुंचेगी।



भोपाल पहुंचेगी यात्रा : न्याय यात्रा की शुरुआत के मामले में भारती ने कहा कि जब तक परिवार को न्याय नहीं मिलेगा, यह यात्रा जारी रहेगी। हम आरोपियों को फांसी पर लटकते देखना चाहते हैं। सीबीआई जांच (CBI investigation) शुरू होने से न्याय नहीं हो जाता। अभी हम भोपाल (Bhopal) तक यात्रा निकाल रहे हैं। सात महीने से हम भटक रहे थे। तब सरकार ने सीबीआई जांच के आदेश नहीं दिए। जब हमने यात्रा निकालने का एलान किया, तो यह आदेश दिया गया। आगे से किसी दलित परिवार के साथ ऐसा न हो, इसलिए भी हम यात्रा निकाल रहे हैं।



ये है पूरा मामला : 17 मई को भारती ने इन पांचों के गुम होने की सूचना नेमावर पुलिस थाना में दी थी। 27 मई को पुलिस ने प्रकरण दर्ज किया। 29 जून को मनोज कोरकू को पुलिस ने पकड़ा और पूछताछ में उसने बताया कि रूपाली शादी के लिए सुरेंद्र पर दबाव बना रही थी इसलिए सुरेंद्र और उसके साथियों ने पांचों को सुरेंद्र के खेत पर उनकी हत्या कर दी और शवों को खेत में बने गड्ढे में डाल दिया। देवास जिले में पुलिस को एक खेत से एक ही परिवार के 5 लोगों के कंकाल मिले थे। आदिवासी परिवार के ये पांचों लोग करीब 2 महीने से लापता बताए जा रहे थे। जिनकी पुलिस तलाश कर रही थी।



कंकाल में एक महिला समेत उसकी 21 14 साल की दो बेटियां थी। वहीं 14-15 साल के दो भाई-बहन थे। पुलिस अधिकारियों के मुताबिक 13 मई 2021 को रूपाली, ममता बाई, दिव्या, पवन और पूजा की हत्या कर दी गई थी। प्राथमिक जांच में 5 लोगों को पुलिस हिरासत में लिया गया था। पुलिस ने मनोज, कोरकू, विवेक तिवारी, वीरेंद्र राजपूत, करण कोरकू, रामजकुमार, सुरेंद्र राजपूत को 30 जून 2021 को गिरफ्तार किया। देवास ग्रामीण के तत्कालीन एडिशनल SP सूर्यकांत त्रिपाठी ने बताया था कि इस मामले की जांच के लिए 5 टीमें बनाई थी। जो खंडवा, होशंगाबाद समेत कई जिलों में जांच कर रही थीं। मृतक परिवार के 21 साल की एक युवती रुपाली के मोबाइल का भी लगातार लोकेशन ट्रेस कर रहे थे। जिसकी आखिरी लोकेशन चोरल डैम पर आया थी। इसके बाद घटना के सह आरोपित राकेश निमाड़े, धर्मेंद्र और अरबिंद कोरकू को गिरफ्तार किया गया।


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