रूचि वर्मा, Bhopal. मध्यप्रदेश में हर रोज 1495 नए बेरोजगार बढ़ जाते हैं। बेरोजगारों की संख्या बढ़ने के साथ ही बेरोजगारी की समस्या भी लगातार भयावह होती जा रही है। जिस तादाद में नौकरी चाहने वाले बढ़ रहे हैं उनकी तुलना में नौकरियां काफी कम संख्या में निकल रही हैं। सरकारी नौकरियां तो साल भर में बमुश्किल एक लाख भी नहीं निकल पा रहीं। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की सरकार इस चुनौती को बहुत अच्छे से समझ चुकी है और इस समस्या से निपटने के लिए सरकार अब प्रदेश में स्टार्टअप कल्चर को बढ़ावा देने पर फोकस कर रही है। प्रदेश में अब रोजगार सृजन करने के लिए नवाचार के जरिए इको सिस्टम विकसित किया जाएगा।
13 मई को शुरुआत
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान 13 मई को इंदौर के ब्रिलियंट कन्वेंशन सेंटर में मध्य प्रदेश की नई स्टार्टअप पॉलिसी - एमपी स्टार्ट-अप नीति एवं कार्यान्वयन योजना-2022 की शुरुआत करेंगे। इस दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी वर्चुअल जुड़ेंगे। कार्यक्रम में प्रदेश के उद्योग एवं एमएसएमई मंत्री ओमप्रकाश सकलेचा भी उपस्थित रहेंगे। कार्यक्रम में 2000 युवाओं, 1500 विद्यार्थियों और 500 स्टार्टअप संचालकों को भी आमंत्रण दिया गया है। इसके साथ ही मध्यप्रदेश बन जाएगा अपनी स्टार्टअप पॉलिसी बनाने वाला देश का पहला राज्य। इसके माध्यम से न केवल रोजगार उपलब्ध कराए जाएंगे, बल्कि स्टार्टअप को बढ़ावा देने के लिए छूट और सुविधाएं भी मुहैया कराई जाएंगी।
स्टार्टअप शुरू करने के लिए प्रक्रिया होगी आसान
प्रदेश में वर्तमान में 1900 से अधिक स्टार्टअप इण्डिया से स्वीकृत स्टार्टअप स्थापित हैं। इनमें भी इंदौर एवं भोपाल शहर के युवा बड़ी संख्या में आगे आए हैं। नई पॉलिसी के तहत राज्य शासन का लक्ष्य है कि प्रदेश में वर्ष 2022 में स्थित स्टार्टअप्स में से दो यूनिकार्न स्टार्टअप का दर्जा प्राप्त कर सकें। एक बड़ा फोकस इस बात पर रहेगा कि प्रदेश की स्थिति देश के विभिन्न स्टार्टअप्स रैंकिंग रिपोर्ट्स में सुधरे। इसके लिए नई नीति में जहाँ महिलाओं को उद्यमी बनाने और ज्यादा सहायता देने पर जोर दिया गया है तो स्टार्टअप शुरू करने के लिए प्रक्रिया को और आसान बनाया जाएगा।
नई स्टार्टअप नीति का मुख्य फोकस
1. स्टार्टअप्स के लिए 100 करोड़ का वेंचर, कैपिटल फंड और बैंक गारंटी के साथ
MP की नई स्टार्टअप पॉलिसी में ई-स्टार्टअप पॉलिसी के तहत प्रदेश के स्टार्टअप्स के लिए करीब 100 करोड़ का वेंचर कैपिटल फंड स्थापित किया जाएगा। साथ में बैंक को गारंटी भी सरकार ही देगी। स्टार्टअप ओनर्स को बैंकों के चक्कर काटे बिना आसानी से ऋण मिल पाये, इसके लिए विभाग एक नवाचार चुनौती कार्यक्रम शुरू करेगा। वेंचर कैपिटल फंड का फायदा लेने के लिए स्टार्टअप्स को इस नवाचार चुनौती कार्यक्रम में आवेदन करना होगा। इसमें चयनित स्टार्टअप्स और नवाचारी को एक करोड़ रुपये की विशेष प्रोत्साहन सहायता दी जाएगी।
2. निवेश पर सहायता
ऐसे स्टार्टअप जिन्हें SEBI (Security and एक्सचेंज Board of India) RBI द्वारा अधिमान्यता प्राप्त वित्तीय संस्थान से निवेश मिला हो उनको सरकार प्रथम निवेश के लिए 15 प्रतिशत की दर से अधिकतम रुपए 15 लाख की सहायता देगी। स्टार्टअप्स को यह सहायता अपने जीवन काल में अधिकतम चार लेवल्स में प्राप्त निवेश पर मिल सकेगी। प्रत्येक निवेश के लिए अलग-अलग अधिकतम 15 प्रतिशत की दर से देय होगी।
3. महिलाओं के स्टार्टअप को 20 प्रतिशत एक्सट्रा सहायता
नई स्टार्टअप पॉलिसी में महिलाओं के स्टार्टअप को 20 प्रतिशत की अतिरिक्त सहायता दी जाएगी। इससे महिलाओं में उद्यमिता को बढ़ावा मिलेगा। स्टार्टअप्स को प्राप्त निवेश पर मिलने वाली 15 लाख रुपए की सहायता में महिला स्टार्टअप ओनर्स को 20 प्रतिशत की अतिरिक्त सहायता मिलेगी।
4. इन्क्यूबेटर्स के लिए विशेष सुविधाएं
नई स्टार्टअप पॉलिसी के तहत सरकार प्रदेश में स्थित इन्क्यूबेटर को स्टार्टअप से संबंधित कार्यक्रम के आयोजन के लिए रुपए 5 लाख प्रति आयोजन की सहायता देगी। यह सहायता रुपए 20 लाख प्रतिवर्ष से अधिक नहीं होगी। साथ ही इनक्यूबेटर के उन्नयन के लिए भी रुपए 5 लाख की एकमुश्त सहायता दी जायेगी। यह सुविधा इनक्यूबेटर को अपने जीवन काल में केवल एक बार प्राप्त होगी और सुविधा का लाभ लेने के लिए प्रत्येक इनक्यूबेटर को उसकी वर्तमान सीट क्षमता में 20% की अतिरिक्त वृद्धि करना होगी।
5. लीज, रेंटल एवं पेटेंट सहायता
लीज पर लिये गये कार्यस्थल के लिए स्टार्टअप द्वारा चुकाए गए प्रतिमाह किराए का 50% अथवा 5000 रुपए प्रतिमाह की लीज रेंटल सहायता तीन वर्ष के लिए दी जाएगी। उक्त सहायता राज्य शासन अथवा राज्य शासन से सहायता प्राप्त औद्योगिक क्षेत्रों/पार्कों/क्लस्टर्स में स्थापित उत्पाद आधारित स्टार्टअप को उनके द्वारा लीज पर लिए गए भू-खण्ड/ शेड/ निर्मित स्थान पर चुकाए गए लीज रेंट एवं संधारण शुल्क पर भी उपलब्ध होगी। परन्तु उक्त सहायता किसी भी परिस्थिति में उक्त मदों में चुकाई गई राशि के 50 प्रतिशत अथवा 5 हजार रुपए प्रतिमाह से अधिक नहीं होगी। यह सहायता अधिकतम तीन वर्ष की अवधि के लिए दी जाएगी।इसके अलावा पेटेंट प्राप्त करने के लिए रुपए 5 लाख की अधिकतम सहायता दी जाएगी, परन्तु इस शर्त के साथ कि पेटेंट प्रदेश में स्थापित स्टार्ट-अप के लिए प्राप्त किया गया हो।
6. प्रशिक्षण व्यय प्रतिपूर्ति
स्टार्टअप को तकनीकी एवं कुशल कर्मचारियों की आवश्यकता के दृष्टिगत कौशल विकास एवं प्रशिक्षण पर आने वाले खर्च की प्रतिपूर्ति का प्रावधान भी किया जा रहा है। इसके तहत प्रत्येक नए कर्मचारी के लिए 13 हजार रुपए प्रतिवर्ष दिए जाएंगे । यह प्रतिपूर्ति राशि तीन वर्षों के लिए अधिकतम 25 कर्मचारियों को ही दी जाएगी। यह प्रतिपूर्ति भी केवल मध्यप्रदेश के मूल निवासी कर्मचारियों के प्रशिक्षण पर ही दी जाएगी।
7. रोजगार सृजन अनुदान
प्रोडक्ट-बेस्ड स्टार्टअप्स की संख्या में वृद्धि के लिए उन्हें विशिष्ट सुविधाएं दी जाएंगी। नियोक्ता द्वारा उत्पाद आधारित स्टार्टअप इकाई में वाणिज्यिक उत्पादन प्रारंभ होने के दिनांक से प्रथम तीन वर्ष की समयावधि में नियुक्त किए गए सभी कर्मचारियों को यह सहायता राशि मिलेगी। इसके तहत प्रत्येक कर्मचारी 5 हजार रुपए प्रतिमाह सहायता का लाभ प्राप्त करने की पात्रता होगी। इसकी अवधि अधिकतम 3 वर्ष होगी एवं अधिकतम 25 कर्मचारियों को ही दी जाएगी। यह सहायता इकाई में वाणिज्यिक उत्पादन प्रारंभ होने के दिनांक से 5 वर्ष की अवधि तक सीमित होगी। इसका आशय यह है कि तीसरे वर्ष में नियुक्त नए कर्मचारी को उसकी नियुक्ति दिनांक से अगले दो साल तक रोजगार सृजन अनुदान की पात्रता होगी।
8. बिजली में छूट
सभी पात्र नवीन इकाइयों को विद्युत कनेक्शन लेने की दिनांक से 3 वर्ष के लिए विद्युत शुल्क से छूट मिलेगी। नए बिजली कनेक्शन पर परियोजना में वाणिज्यिक उत्पादन दिनांक से 3 वर्षों तक 5 रुपए प्रति यूनिट की स्थिर दर से विद्युत आपूर्ति की जाएगी।
9. इंदौर और भोपाल को स्टार्टअप सेंटर बनाया जाएगा
स्टार्टअप को फेसिलिटेशन एवं कानूनी सहायता देने के लिये वित्त, विपणन एवं कानूनी विशेषज्ञों की टीम के साथ इंदौर और भोपाल में स्टार्टअप सेंटर बनाए जाएंगे। ग्लोबल स्टार्टअप इन्वेस्टर समिट का भी आयोजन भी किया जाएगा।
मध्य प्रदेश स्टार्टअप पालिसी के अन्य प्रमुख बिंदु
1. स्टार्टअप्स को अंतराष्ट्रीय स्तर पर ब्रांडिंग और मार्केटिंग में सरकार सपोर्ट करेगी।
2. स्टार्टअप इंडिया, इंडियन गवर्नमेंट में रजिस्टर्ड और रेकग्नाइज्ड स्टार्टअप्स को 100 प्रतिशत विकास दर प्राप्त कराने में सहायता की जाएगी। एग्रीकल्चर और फूड क्षेत्र में स्टार्टअप इंडिया, इंडियन गवर्नमेंट में रजिस्टर्ड और रेकग्नाइज्ड, स्टार्टअप्स में 200 प्रतिशत विकास दर प्राप्त कराने में मदद की जाएगी।
3. पॉजिटिव इंटरवेंशन और अन्य कैटेलिस्ट की मदद से प्रदेश भर में स्टार्टअप-इकोसिस्टम को बढ़ावा दिया जाएगा। स्कूल/कॉलेज छात्रों में इनोवेशन और स्टार्टअप के लिए इंट्रेस्ट जगाने के लिए स्पेशल कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे।
सहायता पाने यहां करना होगा आवेदन
राज्य सरकार की नई स्टार्टअप नीति का फायदा लेने के लिए स्टार्टअप ओनर्स को मध्य प्रदेश शासन के सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम विभाग की वेबसाइट 'mpmsme.gov.in' पर जाकर - म.प्र. स्टार्टअप नीति एवं कार्यान्वयन योजना 2022 लिंक पर क्लिक करके जरुरत अनुसार सहायता के लिए निम्नलिखित ऍप्लिकेशन्स फॉर्म भरकर जमा किये जा सकते हैं।
- स्टार्ट-अप्स हेतु सहायता