राजीव उपाध्याय, JABALPUR. आरटीओ संतोष पाल के घर पर हुई ईओडब्ल्यू की छापेमार कार्रवाई का हर रोज नया एंगल सामने आ रहा है। बताया जा रहा है कि इससे पहले पाल के कारनामों की शिकायत लोकायुक्त को की गई थी। लेकिन बजाय जांच किए जाने के लोकायुक्त ने शिकायत को भोपाल हेड ऑफिस भिजवा दिया था, बाद में संतोष पाल के रसूख के चलते उन पर कोई कार्रवाई नहीं की गई। इसके बाद न्यायालय में दायर परिवाद पर सुनवाई करते हुए अदालत ने ईओडब्ल्यू को आरटीओ संतोष पाल की संपत्ति की जांच करने का अल्टीमेटम दे दिया था। तब कहीं जाकर ईओडब्ल्यू ने पाल के खिलाफ एफआईआर दर्ज की थी।
करीब 1 महीने पहले दर्ज हुआ था मामला
द सूत्र ने आरटीओ संतोष पाल के खिलाफ ईओडब्ल्यू द्वारा एफआईआर दर्ज किए जाने की खबर को प्रमुखता से उठाया था। दरअसल एफआईआर दर्ज होने के बाद से ही संतोष पाल सतर्क हो चुका था और उसने अपनी तमाम चल-अचल संपत्ति के दस्तावेज इधर-उधर कर दिए। यही कारण है कि पाल के घर से जितनी अघोषित संपत्ति मिलने की संभावना थी, उतनी बरामद नहीं हो पाई। हालांकि ईओडब्ल्यू की टीमें लगातार आरटीओ पाल की संपत्ति की जांच कर रही हैं।
वकील धीरज कुकरेजा ने दायर किया था परिवाद
आरटीओ संतोष पाल के खिलाफ वकील धीरज कुकरेजा ने परिवाद दायर किया था। जिस पर सुनवाई करते हुए अदालत ने ईओडब्ल्यू को 11 अगस्त 2022 तक आरटीओ संतोष पाल की संपत्ति की जांच कर एक्शन टेकन रिपोर्ट पेश करने के निर्देश दिए थे। इसके बाद ईओडब्ल्यू ने आरटीओ संतोष पाल के खिलाफ एफआईआर दर्ज की और 13 अगस्त को न्यायालय के समक्ष एफआईआर प्रस्तुत की थी। न्यायालय द्वारा आगे की कार्रवाई के लिए वारंट जारी किया गया, जिस पर ईओडब्ल्यू ने आरटीओ के घर पर छापा मारा था।
न्यायालय में पेश की जाएगी रिपोर्ट
अधिवक्ता धीरज कुकरेजा का कहना है न्यायालय के आदेश पर आरटीओ के यहां कार्रवाई हुई है। अब ईओडब्ल्यू द्वारा जांच में मिले साक्ष्यों के आधार पर आगे की कार्रवाई की रिपोर्ट न्यायालय में पेश की जाएगी।
सवालों के घेरे में लोकायुक्त का रवैया
दूसरी तरफ भ्रष्टाचार के खिलाफ लगातार कार्रवाई करने वाले लोकायुक्त पर भी आरटीओ के भ्रष्टाचार की तरफ आंखें मूंद लेने के आरोप लगे हैं। लोकायुक्त का रवैया भी सवालों के घेरे में है।