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नवीन मोदी, GUNA. गुना जिले के बमोरी (Bamori) के धनोरिया गांव (Dhanoria village) में दो जुलाई को आदिवासी महिला रामप्यारी बाई ( Rampyari Bai) को खेत में डीजल डालकर कथित तौर पर जिंदा जला दिया गया था। इस बर्बरतापूर्ण हत्या के खिलाफ बीते दिनों आदिवासी समाज ने जयस के नेतृत्व में दशहरा मैदान पर आंदोलन किया था। मामले में अब दूसरा पक्ष भी सामने आ गया है। कई समाजों ने मामले की निष्पक्ष जांच की मांग को लेकर दशहरा मैदान में प्रदर्शन किया। प्रदर्शनकारियों का कहना है कि महिला ने खुद आग लगाई थी। धाकड़ समाज (strong society) के लोगों को गलत फंसाया गया है। प्रदर्शनकारियों का कहना है कि मामले की निष्पक्ष जांच हो।
आरोपियों के बचाओ में आया समाज
कई समाज के लोगों ने संयुक्त रूप से दशहरा मैदान पर विरोध प्रदर्शन आयोजित किया। इसमे धाकड़-किरार समाज, लोधा, राजपूत, रघुवंशी, सेन समाज आदि के अध्यक्षों के साथ, क्षेत्र के अन्य प्रमुख लोग शामिल हुए। मंच से कहा गया कि धाकड़ समाय के लोगों को गलत तरीके से फंसाया जा रहा है। प्रशासन ने 6 लोगों को जेल में बंद कर रखा है। समाज के लोगों का कहना है कि घटना स्थल के प्राप्त वीडियो में साफ दिख रहा है कि इन लोगों ने आग नहीं लगाई। महिला ने खुद आग लगाई। इससे पहले भी इसी तरह की और घटनाएं हो चुकी हैं। उन घटनाओं में भी बेकसूर लोगों को फंसाकर जेल में डलवा दिया गया है। उनका जीवन बर्बाद हो चुका है। इसलिए जरूरी है कि इस मामले की निष्पक्ष जांच (fair investigation) की जाए। इसके बाद आगे की कार्रवाई हो।
कांग्रेस का पक्ष स्पष्ट नहीं
कांग्रेस विधायक जयवर्धन सिंह आदिवासी परिवार के समर्थन में जयस द्वारा किए गए आंदोलन में शामिल हुए थे। लेकिन सबसे अहम बात तो यह कि उन्हीं के पार्टी के ग्रामीण जिलाध्यक्ष मानसिंह परसोदा धाकड़ समाज के आंदोलन में दिखे। जिसको लेकर कांग्रेस में चर्चाओं का बाजार गर्म है। वहीं धाकड़ समाज के आंदोलन में दो भाजपा नेता हेमराज किरार और महेंद्र किरार शामिल हुए।