थाने में सप्रमाण शिकायत के एक महीने बाद भी पुलिस ने दर्ज नहीं की IAS अफसर की FIR

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Aashish Vishwakarma
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थाने में सप्रमाण शिकायत के एक महीने बाद भी पुलिस ने दर्ज नहीं की IAS अफसर की FIR

भोपाल। प्रदेश के एक आईएएस अफसर को पुलिस थाने में सबूतों के साथ शिकायत करने के एक महीने बाद भी एफआईआर दर्ज कराने के लिए कोर्ट का दरवाजा खटखटाना पड़ा है। एक इंग्लिश नॉवेल के कॉपी राइट उल्लंघन का यह मामला आईएएस अफसर नियाज खान से जुड़ा है। उनकी शिकायत वेब सीरीज आश्रम के जाने माने फिल्म डायरेक्टर प्रकाश झा, स्क्रिप्ट राइटर हबीब फैजल और फिल्म की निर्माता कंपनी मैक्स प्लेयर के खिलाफ है। इस मामले में नॉवेल के पब्लिशर मनीष गुप्ता और राइटर नियाज खान की शिकायत और बयानों के एक महीने बाद भी भोपाल की हबीबगंज थाना पुलिस की ओर से एफआईआर दर्ज न किए जाने पर कोर्ट ने आरोपियों के खिलाफ नोटिस जारी किया है।



दरअसल, आईएएस नियाज खान ने आरोप लगाया है कि अभिनेता बॉबी देओल एवं निर्देशक प्रकाश झा और स्क्रिप्ट राइटर हबीब फैजल की वेब सीरीज आश्रम की कहानी और उसके कैरेक्टर उनके लिखे अंग्रेजी उपन्यास 'अनटोल्ड सीक्रेट ऑफ माय आश्रम' से चुराए गए हैं। खान की नॉवेल 1 फरवरी 2016 में लॉन्च की गई थी। जबकि वेब सीरीज आश्रम 2020 में आई थी। इसको लेकर अधिकारी नियाज खान की तरफ से नॉवेल के प्रकाशक मनीष गुप्ता, इंदिरा पब्लिशिंग हाउस ने करीब एक महीने पहले हबीबगंज थाने में शिकायती आवेदन दिया था। लेकिन मनीष गुप्ता का कहना है कि मामले में पुलिस ने नियाज खान के बयान लिए है। इसके बाद भी अभी तक FIR नहीं दर्ज की गई। 



50 करोड़ रुपए का हर्जाना मांगा: पुलिस द्वारा किए जा रहे इस विलम्ब की वजह से खान एवं प्रकाशक मनीष गुप्ता ने भोपाल जिला अदालत का दरवाजा खटखटाया है। आईएएस खान के वकील सचिन नायक ने एक याचिका में 'आश्रम' को कॉपीराइट एक्ट का उल्लंघन बताया है। उन्होंने इसके एवज में निर्माता-निर्देशक से 50 करोड़ रुपए का हर्जाना मांगा है। अदालत ने फिल्म के निर्माता मैक्स प्लेयर सिंगापुर, निर्देशक प्रकाश झा और लेखक हबीब फैजल को नोटिस भी जारी किया है।



मामले में जब द सूत्र ने सहायक पुलिस आयुक्त वीरेंद्र मिश्रा से बात की तो उन्होंने मामले के बारे में किसी तरह की जानकारी होने से मना किया। वहीं जब द सूत्र ने नॉवेल के लेखक आईएएस नियाज अहमद खान एवं नॉवेल की पब्लिशिंग कंपनी इंद्रा पब्लिशिंग हाउस के पब्लिशर मनीष गुप्ता से बात की तो उन्होंने पुलिस पर समय पर कार्रवाई न करने का आरोप लगाया।



पब्लिशर और राइटर ने ये कहा: इंद्रा पब्लिशिंग हाउस के पब्लिशर मनीष गुप्ता ने बताया कि 'हमारा एक उपन्यास 2016 में पब्लिश हुआ था। इसका टाइटल- अनटोल्ड सीक्रेट ऑफ माय आश्रम है। इस उपन्यास से इंस्पायर्ड एक वेब सीरीज OTT प्लेटफॉर्म मैक्स प्लेयर पर चल रही है। वेब सीरीज का नाम आश्रम है। इसमें बहुत सारी घटनाएं उपन्यास से कॉपी की गई है। इस मामले को लेकर 1 महीने पहले पुलिस को आवेदन दिया था। लेकिन FIR में देरी होने की वजह से कोर्ट में आवेदन दिया।'



IAS नियाज अहमद खान का कहना है कि 'अनटोल्ड सीक्रेट ऑफ माय आश्रम किताब मैंने लिखी थी। यह किताब 2016 में पब्लिश की गई थी जिसके अधिकार मैंने पब्लिशर को दिए थे। आश्रम वेब सीरीज ने इसके कॉपीराइट उल्लंघन किया है। इसके खिलाफ हमने कोर्ट में भी याचिका लगाईं थी। इसी बीच पब्लिशर ने थाने में शिकायती आवेदन भी दिया था। जिसमें मैं गवाह था एवं मेरे बयान भी दर्ज हो चुके हैं। हालांकि मुझे FIR दर्ज किए जाने की जानकारी अभी तक नहीं है।'


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