Bhopal. बदलते समय के साथ चोरी के तरीके भी बदल गए हैं। मार्केट में अब चोर भी हाईटेक हो गए है। जिस वजह से चोर को पकड़ पाना पुलिस के लिए मुश्किल हो गया है। जिससे प्रदेश की व्यवस्था पर भी कई सवाल खड़े होते हैं, लेकिन इससे निपटने के लिए सरकार भी अब हाईटेक होने जा रही है। प्रदेश की सुरक्षा और इंटेलीजेंस को हाईटेक प्लेटफॉर्म मुहैया कराने की कवायद शुरू हो गई है। भविष्य में पुलिस टेक्नोलॉजी के माध्यम से अपराधियों को पकड़ेगी। पुलिस के पुराने सिस्टम को अपग्रेड करने के लिए राज्य सरकार ने राज्य स्तरीय टास्क फोर्स का गठन किया है। टास्क फोर्स बड़े शहरों में होने वाली घटनाओं, प्रदेश के महत्वपूर्ण प्रतिष्ठानों की सुरक्षा और नक्सल प्रभावित क्षेत्रों पर फोकस करेगी।
फोर्स कर रही तकनीकी संसाधनों का आकलन
पुलिस फोर्स की वर्तमान एवं भविष्य की चुनौतियों से निपटने और तकनीकी रूप से पुलिस को सक्षम के लिए पुलिस टेक्नोलॉजी मिशन के आधार पर टास्क फोर्स का गठन किया गया है। प्रदेश में पुलिस द्वारा वर्तमान में उपयोग किए जा रहे तकनीकी संसाधनों का टास्क फोर्स आकलन कर पुलिस की तकनीकी जरूरतों को भी चिह्नित करेगी। वहीं, ऐसी टेक्नोलॉजी का उपयोग किया जाएगा, जिससे पुलिस व्यवस्था में सुधार हो सके। इसके अलावा बड़े शहरों, नक्सल प्रभावित क्षेत्रों, महत्वपूर्ण प्रतिष्ठानों की सुरक्षा का डेटा का एनालिसिस किया जाएगा। भविष्य में ऐसी टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल किया जाएगा, जिसमें आवाज और चेहरे से आरोपी की पहचान हो सके।
टास्क फोर्स में अफसर
इस 10 सदस्यीय टास्क फोर्स में एडीजी रैंक के 6 अफसरों को शामिल किया गया है। अपर मुख्य सचिव गृह को अध्यक्ष बनाया गया है। गृह विभाग के अपर मुख्य सचिव को टास्क फोर्स का अध्यक्ष बनाया गया है, जबकि अपर मुख्य सचिव वित्त, प्रमुख सचिव विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी, मैप आईटी के सीईओ के साथ एडीजी तकनीकी सेवाएं, एडीजी सायबर, एडीजी एससीआरबी, एडीजी पीटीआरआई, एडीजी योजना और एडीजी दूरसंचार को सदस्य के रूप में इस टास्क फोर्स में शामिल किया गया है।