जबलपुरः हमारे फोन नहीं उठाते अधिकारी, कुत्ते जैसी हो गई हमारी हालत

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Akash Mishra
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जबलपुरः हमारे फोन नहीं उठाते अधिकारी, कुत्ते जैसी हो गई हमारी हालत

Jabalpur. शहर में पानी की समस्या को लेकर संकट बना हुआ है। ऐसे में अब लोगों के साथ साथ जनप्रतिनिधियों के सब्र का बांध भी टूटने लगा है। इसी को लेकर बीजेपी के पूर्व पार्षदों ने केंट बोर्ड कार्यालय में जमकर प्रदर्शन किया। जलसंकट को लेकर बीजेपी कार्यकर्ताओं ने सीईओ का घेराव करते हुए जमकर खरी खोटी सुनाई। इस दौरान बीजेपी के पूर्व पार्षद सुंदर लाल अग्रवाल के सब्र का बांध टूट गया, और वह सीईओ से बोले कि, अधिकारियों को फोन लगाओ तो वे फोन उठाते नहीं है। हम पूर्व पार्षदों की स्थिति कुत्ते जैसी हो गई है। इस पूरे घटनाक्रम का वीडियो सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हो रहा है। 



सो रहे अधिकारी



पूर्व पार्षद सुंदर लाल अग्रवाल ने कहा कि, अमृत योजना के तहत मोदी सरकार शहर करोड़ों रुपए भेज रही है। लोगों के हित में पीएम मोदी रोजाना 18-18 घंटे काम कर रहे हैं। लेकिन यहां पर अधिकारी 18-18 घंटे सो रहें है। पानी को लेकर लोग परेशान हो रहें है। लेकिन अधिकारियों को कोई फर्क नहीं पड़ रहा है।  



15 दिन पहले हुई थी बैठक



दरअसल केंट बोर्ड सीईओ अभिमन्यु सिंह के कार्यभार संभालने के उपरांत विधायक की मौजूदगी में सर्किट हाउस में एक बैठक हुई थी। जिसमें केंट के कुछ वार्डो में जलसंकट को लेकर जल्द से जल्द उचित कदम उठाने की बात कही थी। बीजेपी कार्यकर्ताओं का आरोप है कि बैठक हुए करीब 15 दिन बीत जाने के बाद भी कैंट बोर्ड द्वारा जल संकट को लेकर कोई ठोस कदम नहीं उठाए गए।



दो दिन में एक बार हो रही सफ्लाई



शहर में पानी को लेकर त्राहि त्राहि मची हुई है। शहर के ज्यादातर स्थानों पर दो दिन में एक बारपानी की सप्लाई हो रही है। निगम के कॉल सेंटर पर रोजाना दो सौ से ज्यादा शिकायतें दर्ज की जा रही है। लेकिन निराकरण सौ से कम शिकायतों का ही हो पा रहा है। 

 


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