GWALIOR.ग्वालियर के मुरार में हादसे के बाद नगर निगम की नींद टूटी है और पुरानी एवं जर्जर इमारतों का सर्वे कराने का निर्णय लिया गया है। बता दें कि मुरार में 70 साल पुराने दो मंजिल भवन की छत अचानक धंसने से उसमें दो कर्मचारी दब गए थे। यह भवन में तीन दुकानें संचालित होती हैं। पहले दूसरी मंजिल की छत पहली मंजिल पर गिरी फिर पहली मंजिल की छत धसक गई। जिसमें 2 लोग दब गए।एक कर्मचारी को करीब 30 मिनट बाद निकाल लिया गया था, लेकिन एक अन्य युवक लगभग 3 घंटे से फंसा रहा। उसको दो बार ऑक्सीजन सिलेंडर पहुंचाया गया था। रात 9.30 बजे उसे निकाला गया था इस दौरान महापौर और बीज विकास निगम के अध्यक्ष सहित तमाम अधिकारी मौके पर पहुंच गए थे। इस हादसे के बाद नगर निगम अधिकारियों की नींद टूटी है और उसने शहर की जर्जर इमारतों का सर्वे कराने का ऐलान किया है।
बीती रात गिरी थी
शहर के मुरार कंपनी बाग रोड अल्पना टॉकीज के सामने नगर निगम द्वारा बनाए गए भवन हैं। यहां 70 साल पुराना दो मंजिल भवन है। जिसमें सबसे नीचे रमेश झा की महादेव इलेक्ट्रिकल के नाम से शॉप है। दाे दुकान ऊपर हैं। महादेव इलेक्ट्रीकल्स पर शंकर विश्वकर्मा कर्मचारी है। सोमवार शाम शंकर से उसका फुफेरा भाई घनश्याम विश्वकर्मा उससे मिलने आया था। तभी छत तेज आवाज के साथ छत आ गिरी जिसमें दोनों मलबे में दब गए आसपास के लोगों ने जब हादसा देखा तो तत्काल पुलिस और फायर बिग्रेड को सूचना दी। फायर बिग्रेड की टीम मौके पर पहुंची और रेस्क्यू शुरू किया। करीब 25 मिनट की मशक्कत के बाद शंकर को निकाल लिया गया है। उसके दोनों पैर बुरी तरह कुचल गए हैं। सिर और सीनें गंभीर चोट है। एम्बुलेंस की मदद से उसे जेएएच पहुंचा दिया गया,लेकिन उसका फुफेरा भाई घनश्याम विश्वकर्मा फंस गया। घनश्याम को मलबे से सुरक्षित निकालने के लिए 3 घंटे तक रेस्क्यू जारी पहले फायर बिग्रेड की टीम रेस्क्यू कर रही थी, लेकिन जब बात उनके हाथ से निकल गई तो एनडीआरएफ की टीम ने मोर्चा संभाला। इसके बाद 9.30 बजे उसे सुरक्षित निकाल लिया गया है। फिलहाल वह गंभीर घायल है और उसे एम्बुलेंस की मदद से अस्पताल में भर्ती कराया गया है। हादसे की जानकारी मिलते ही ग्वालियर एसएसपी अमित सांघी, निगमायुक्त किशोर कन्याल, महापौर शोभा सिकरवार और बीज विकास निगम के अध्यक्ष मुन्नालाल गोयल भी मौके पर पहुंच गए और पूरे रेस्क्यू ऑपरेशन के दौरान डटे रहे।
दो बार मौके पर भेजे गए खाली सिलेंडर
इस पूरे हादसे के दौरान एक गंभीर लापरवाही भी देखने को मिले। जब मलबे में फंसे लोगों के लिए दो बार मुरार जिला अस्पताल से दो बार ऑक्सीजन सिलेंडर मंगाया गया था। पर दोनों बार मुरार अस्पताल से खाली सिलेंडर भेजा गया था। जो भयानक लापरवाही थी। यहां मलबे में दबे लोगों की जान पर बन आई थी। इसके बाद मध्य प्रदेश बीज निगम के अध्यक्ष मुन्नालाल गोयल ने फटकार लगाई और अधिकारियों को कॉल किया तो जिला अस्पताल से तीसरा ऑक्सीजन सिलेंडर भरा हुआ भेजा गया।
निगम अफसर बोले जर्जर इमारतों का करेंगे सर्वे
इस घटना के बाद नगर निगम भी हरकत में आया । आज सुबह अधिकारियों ने अनौपचारिक बैठक की और तय किया कि निगम द्वारा शहर की सभी जर्जर पुरानी इमारतों का सर्वे कराया जाएगा और इसके बाद इनकी गुणवत्ता के आधार पर विशेषज्ञ लोगों की सलाह पर इनको गिराने की कार्यवाही की जाएगी।