Indore. यशवंत क्लब(Yashwant Club I) के चार साल बाद हो रहे चुनाव (Yashwant Club election) में टोनी सचदेवा ने पम्मी छाबड़ा पैनल(Pammi Chhabra Panel) को एकतरफा मात दी। सचदेवा पैनल(Sachdeva Panel) की लहर में पम्मी ना खुद का चेयरमैन(chairman) पद बचा सके और ना ही सचिव और कोषाध्यक्ष जैसे पद बचा सके। हालत यह रही कि कार्यकारिणी(executive) के पांच सदस्यों में से भी चार हार गए। मैनेजिंग कमेटी (managing committee) के कुल नौ पदों में से मात्र दो पद पर ही पम्मी पैनल के उम्मीदवार जीत सके। चेयरमैन पद पर पम्मी को 1095 तो टोनी को 1348 वोट मिले और 303 वोट से पम्मी हारे। सचिव पद पर संजय गोरानी (1558 वोट), सुदीप भंडारी (882 वोट) से 716 वोट से जीते। कोषाध्यध पद पर आदित्य उपाध्याय (1310 वोट), विजय कस्तूरी (1123) से 187 वोट से जीते। पम्मी पैनल से केवल सह सचिव पद के उम्मीदवार अतुल सेठ ( 1335 वोट), सुरभि मनोचा ( 1095 ) से 240 वोट से ही जीत हासिल कर सके।
यह बने करारी हार के कारण
यशवंत क्लब चुनाव के करीब दो माह पहले डेली कॉलेज बोर्ड में बड़ी उठापटक हुई औऱ झाबुआ परिवार को चेयरमैन पद से बाहर कर दिया गया। इसमें बोर्ड मेंबर और पम्मी के करीबी धीरज लुल्ला की बड़ी भूमिका रही। इसके चलते झाबुआ परिवार जो यशवंत क्लब में बड़ी रसूख रखते हैं और 100 से ज्यादा वोट पर असर है, वह पम्मी छाबड़ा से नाराज हो गया। बात यही नहीं रूकी, लुल्ला ने क्लब के कई सदस्यों के खिलाफ थाने में शिकायत कर दी कि उनके द्वारा महिला के साथ संबंधों को लेकर अफवाह फैलाई जा रही है, इससे भी क्लब में लुल्ला और पम्मी के खिलाफ भारी रोष फैल गया। इसके बाद एक बडा कारण पम्मी का गलत चयन रहा, अनुभवी व्यक्ति की जगह सुदीप भंडारी को सचिव पद के लिए खड़ा किया, जो गोरानी के सामने बच्चे की तरह थे। गोरानी का एकतरफा माहौल था, ऐसे में लोगों ने गोरानी के साथ चेयरमैन भी इसी पैनल का चुनना बेहतर समझा क्योंकि यदि पम्मी जीतते तो फिर साल 2012 की स्थिति होती जब पम्मी के साथ विरोधी गुट से सुनील बजाज सचिव बने थे और दो साल तक क्लब में विवाद चलते रहे। गोरानी के साथ चेयरमैन के लिए टोनी की करीब-करीब पूरी पैनल ही जीत हासिल कर लाई।
कार्यकारिणी के पांच पदों पर यह जीते
रूपल पारिख (1660वोट), संदीप जैन (1706 वोट), नीतेश दानी (1335 वोट), विपिन कुलवाल (1630 वोट) यह सभी टोनी पैनल से हैं। पम्मी पैनल से केवल अनिमेश सोनी ( 1522 वोट) ही जीत सके।