इंदौर में क्लस्टर से होगा विकास, वादे ही सुन रहे उद्योगपति, सिर्फ निजी क्लस्टर ही बन रहे; विवादों में सरकारी क्लस्टर

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The Sootr CG
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इंदौर में क्लस्टर से होगा विकास, वादे ही सुन रहे उद्योगपति, सिर्फ निजी क्लस्टर ही बन रहे; विवादों में सरकारी क्लस्टर

संजय गुप्ता, INDORE. क्लस्टर से प्रदेश में उद्योग लगेंगे, हजारों रोजगार आएंगे। मध्यप्रदेश सरकार अलग-अलग तरह के क्लस्टर विकसित कर रही है। ये वादे दो साल से मध्यप्रदेश सरकार के उद्योगपति सुन रहे हैं लेकिन हालत ये है कि केवल निजी क्लस्टर ही विकसित हो रहे हैं और जिले के सभी सरकारी क्लस्टर में किसी न किसी तरह के विवाद चल रहे हैं या फिर कहीं पर सालों से विकास अटका हुआ है।



क्लस्टर का विकास दिखाने निजी क्लस्टर का साथ



मध्यप्रदेश शासन और प्रशासन को भी इंदौर में क्लस्टर विकास दिखाने के लिए निजी क्लस्टर का सहारा लेना पड़ा और शासकीय कार्यक्रम सरकार द्वारा बताए गए किसी क्लस्टर में नहीं होते हुए सांवेर तहसील के जैतपुरा गांव में गामा नाम के निजी क्लस्टर पर किया गया। सांसद और महापौर से लेकर कलेक्टर तक इसी निजी क्लस्टर में पहुंचे और यहीं पर सीए का बुधनी से वर्चुअल संबोधन हुआ।



क्लस्टर और यहां चल रहे विवाद



कनफेक्शनरी क्लस्टर



ये क्लस्टर तत्कालीन सीएम कमलनाथ द्वारा जनवरी-फरवरी 2020 में शुरू किया गया, जमीन भी आवंटित कर दी गई। लक्ष्य था अक्टूबर 2020 में यहां से उत्पादन शुरू करना। दो साल बीत गए उस वादे को अभी यहां पर विकास काम ही पूरा नहीं हुआ है। सीवरेज लाइन का काम 20 फीसदी बाकी है। बिजली लाइन जैसी उद्योगों के लिए चाहिए वो नहीं लगी और खंबे खड़े करके गांव की लाइन से दो-तीन फैक्टरी में लाइन डाल दी लेकिन ये मशीन चलाने की पावर वाली नहीं है।



ट्वॉय क्लस्टर-जमीन आवंटन का घोटाला



रंगवासा में साढ़े 3 हैक्टेयर में 20 कंपनियों को प्लॉट दिए गए हैं लेकिन इसे लेकर शिकवा-शिकायतें हो गई हैं। जिन उद्योगपतियों ने जमीन आवंटन को लेकर एसपीवी (स्पेशल पर्पज व्हीकल) बनाया। उन्हीं के डायरेक्टरों ने अपनी अलग-अलग कंपनियों के डायरेक्टरों के नाम पर प्लॉट रख लिए। लेदर ट्वॉय निर्माताओं ने इस धांधली को लेकर पूर्व महापौर कृष्ण मुरारी मोघे को ज्ञापन देकर शिकायत भी कर दी है।



फर्नीचर क्स्टर में जमीन का ही अता-पता नहीं



बेटमा में ही फर्नीचर क्लस्टर का प्रस्ताव है, पहले ये 400 एकड़ जमीन पर प्रस्ताव था लेकिन आधी से ज्यादा जमीन पर वन विभाग की जमीन का पेंच आ गया और उन्होंने जमीन अपनी कहते हुए राजस्व विभाग द्वारा लेकर उद्योगों को देने से साफ इनकार कर दिया। इसके चलते करीब दो साल से इस क्लस्टर को लेकर बात ही चल रही है, अभी जमीन की स्थिति स्पष्ट नहीं है।



निजी के भरोसे सरकार



मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने गुरुवार को वर्चुअल रूप में इंदौर में दो औद्योगिक क्लस्टर का शिलान्यास तथा तीन औद्यागिक क्लस्टर का लोकार्पण किया। इसमें चार क्लस्टर निजी क्षेत्र के तथा एक क्लस्टर शासकीय क्षेत्र का है। इन क्लस्टरों में स्थापित होने उद्योगों में 1 हजार 325 करोड़ रुपए के पूंजी निवेश और 12 हजार को रोजगार की बात कही गई। निजी क्षेत्र में विकसित तीन औद्योगिक क्लस्टर गामा औद्योगिक पार्क जेतपुरा उज्जैन रोड, एजिस लाइफ स्टाइल क्लस्टर ग्राम भांगिया इंदौर और एसएस इन्फ्रास्ट्रक्चर ग्राम असरावद बुजुर्ग का लोकार्पण हुआ। निजी क्षेत्र के श्री वैष्णव एमएसएमई इण्डस्ट्रियल पार्क ग्राम राजोदा का भूमिपूजन भी वर्चुअली रूप से किया।


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