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Orchha. शराबबंदी (prohibition) को लेकर पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती (Former Chief Minister Uma Bharti) के तेवर ढीले पड़ते नहीं दिख रहे। शराब दुकान पर पत्थर चलाने के 3 महीने बाद एक बार फिर सक्रिय नजर आईं। इस बार 14 जून को उन्होंने ओरछा में एक शराब दुकान पर गोबर फेंका। उमा ने ये भी कहा- देख लो, पथरा (पत्थर) नहीं फेंक रही हूं।
पत्थर के 3 महीने बाद गोबर...#Orchha: शराबबंदी के विरोध में फिर उतरीं @umasribharti। ओरछा में एक शराब दुकान पर गोबर फेंका। कहा- देख लो, पत्थर नहीं फेंक रही। 13 मार्च को भोपाल की एक शराब दुकान के अंदर जाकर उमा ने पत्थर चलाया था।@OfficeofSSC@vdsharmabjp@DGP_MP@OfficeOfKNathpic.twitter.com/ipHmMjf3xD
— TheSootr (@TheSootr) June 14, 2022
शराब दुकान पर पत्थर चलाया था
उमा भारती ने 13 मार्च को भोपाल (Bhopal) के बीएचईएल (BHEL) इलाके के बरखेड़ा पठानी में एक शराब दुकान (Liquor Shop) में घुसकर बोतलों पर पत्थर चलाया था। उन्होंने ट्वीट कर लिखा कि बरखेड़ा पठानी आजाद नगर, बीएचईएल भोपाल, यहां मजदूरों की बस्ती में शराब की दुकानों की शृंखला हैं। यहां बड़ी संख्या में लोगों को शराब परोसी जाती है। पास में मजदूरों की बस्ती है, बच्चों का स्कूल और मंदिर हैं। जब लड़कियां और महिलाए छतों पर खड़ी होती हैं तो शराब पिए हुए लोग उनके तरफ मुंह करके लघुशंका (पेशाब) करने के लिए खड़े होकर उनको लज्जित करते हैं।
उन्होंने लिखा था कि मजदूरों की पूरी कमाई इन दुकानों में फूंक जाती हैं। यहां के निवासियों एवं महिलाओं ने आपत्तियां की। विरोध में धरने दिए क्यूंकि यह दुकान सरकारी नीति के खिलाफ हैं। इसलिए प्रशासन ने हर बार बंद करने का आश्वासन दिया, लेकिन कई साल हो गए यह नहीं हो पाया। आज मैंने प्रशासन को एक हफ्ते के अंदर दुकान एवं आहाता बंद करने की चेतावनी दी।
पत्थर फेंकने के एक दिन बाद सफाई दी थी
उमा भारती ने 14 मार्च को मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान (Shivraj Singh Chouhan) को चिट्ठी लिखी- मैंने डेढ़ साल पहले शराबबंदी के संदर्भ में आपसे चर्चा की थी। आपने सम्मानपूर्वक सकारात्मक जवाब दिया था। आपने कहा था कि इसको लेकर जागरूकता अभियान शुरू करूं। इस संबंध में मैंने बीजेपी प्रदेशाध्यक्ष वीडी शर्मा से भी चर्चा की। उनका उत्तर भी आपके जवाब से मेल खाता था। मेरा मानना है कि नशे की जागरूकता के लिए समाज पहल करे, सरकार साथ दे। शराब की दुकानें सरकार की मर्जी से खुलती हैं। इसलिए शराबबंदी सरकार की ओर से और नशामुक्ति अभियान समाज की ओर से होना चाहिए।
यह प्रदेश का सौभाग्य है कि आप जैसा सतोगुणी चरित्र का व्यक्ति प्रदेश का मुखिया है। आप स्वयं नारी का सम्मान करने की बात हमेशा कहते हैं। मेरी प्रतिक्रिया स्वाभाविक थी। मैं शराब दुकान की तरफ मुड़ी, कर्मचारियों को थोड़ा हटने के लिए कहा। फिर पूरी ताकत से पत्थर शराब की बोतलों पर दे मारा। मैं एक महिला हूं और रोती हुई महिलाओं की रक्षा में मैंने पूरी ताकत से एक पत्थर शराब की बोतलों पर दे मारा। क्योंकि ये दुकानें नियम विरुद्ध जगहों पर थी। मैंने जो पत्थर मारा, वह प्रदेश की स्त्रियों और बच्चियों के सम्मान के लिए किया।