संजय गुप्ता. INDORE. देश में सफाई के मामले में इंदौर सिक्सर लगा रहा है। आखिर यह क्यों हो रहा है? एक समय इंदौर में कचरे की पेटियों को लेकर हाईकोर्ट में याचिकाएं लगी होती थी, हालत यह थी कि हाईकोर्ट ने अधिकारियों को कचरा निपटान नहीं करने के चलते कड़ी फटकार लगाई थी। आखिर इंदौर ने ऐसा क्या जादू किया? इसके पीछे सबसे बड़ी वजह निगमकर्मियों की मेहनत के साथ ही आम इंदौरा का जज्बा रहा। आज हालत यह है कि इंदौर खुद में नए मानक बना रहा है और दूसरे शहर मील पीछे छूट गए हैं, जहां दूसरे शहर कचरा निपटान पर अभी करोड़ों रुपए खर्च कर रहे हैं, वहीं इंदौर कार्बन क्रेडिट, एशिया के सबसे बडे 550 टन क्षमता के बायो सीएनजी प्लांट और कचरे से विविध उत्पाद बनाकर हर साल 12 करोड़ रुपए की कमाई कर रहा है। पीएम नरेंद्र मोदी के सपने वेस्ट टू वेल्थ पर देश में एकदम खरा उतरने वाले में केवल इंदौर शहर है।
इस तरह रहा सर्वेक्षण शुरू होने के बाद इंदौर का सफर
साल 2015- शहर में गंदगी फैली हुई थी
इस समय इंदौर में जगह-जगह कचरा पेटियां होती थी, कचरे के ढेर लगे रहते थे। निजी कंपनी ए टू जेड इसका निराकरण करती थी, यहीं समय था जब हाईकोर्ट में लगातार अधिकारियों की पेशी लग रही थी क्योंकि पूरा शहर गदंगी का पर्याय बना हुआ था।
साल 2016- पहला स्वच्छ सर्वेक्षण- रैंक 25
इस दौरान निगम ने कचरा पेटियां हटाकर डोर टू डोर कचरा जमा करना शुरू किया। 350 वाहन इसके लिए मैदान में उतरे, 2200 कचरा पेटियां हटाई गई, कचरा बीनने वालों को जोड़ा गया और सूखा कचरा छंटाई की मशीन लगाई।
साल 2017- दूसरा सर्वेक्षण- रैंक 1
डोर टू डोर कचरा कलेक्शन से शहर कचरा मुक्त हुआ, ओडीएफ (खुले में शौच से मुक्त) शहर भी बना, हर जगह शौचालय बने, सूखा और गीला कचरा अलग लेना शुरू किया गया। कचरा वाहन में दो कंपार्टमेंट सूखे-गीले के लिए बने, सड़कों पर लिटरबिन लगाए गए।
साल 2018- तीसरा सर्वेक्षण- रैंक 1
चोइथराम मंडी पर 20 टन क्षमता का बायो सीएनजी प्लांट लगा, इससे बनी गैस से सीएनजी बसें शहर में चली। ट्रेचिंग ग्राउंड पर जमा 50 हजार टन कचरे का पहाड खत्म करने पर काम शुरू हुआ, अब यहां फिल्म और फोटो शूट होते हैं। एटूजेड को हटाकर निगम ने खुद की व्यवस्था की। खजराना व रणजीत हनुमान मंदिर में फूल व पत्तियों से खाद बनना शुरू। शङर में गारबेज ट्रांसफर स्टेशन बने।
साल 2019- चौथा सर्वेक्षण- रैंक 1 और फाइव स्टार रेटिंग भी
कचरे का पहाड़ पूरी तरह खत्म, यहां की सौ एकड़ जमीन पर पौधारोपण हुआ। गीले कचरे से यहां 60 टन खाद बनना शुरू, निगम ने होम कम्पोस्टिंग व गार्डन में हरे कचरे से खाद बनाने की यूनिट लगाई, सूखे कचरे से उत्पाद बनाने की अलग यूनिट लगाई। ओडीएफ डबल प्लस का सर्टिफिकेट मिला और फाइव स्टार रेटिंग भी।
साल 2020- पांचवा सर्वेक्षण- रैंक 1, फाइव स्टार रेटिंग औऱ् ओडीएफ डबल प्लस
इस बार इंदौर नगर निगम ने 3 आर मॉडल अपना, कचरे से अलग-उलग उत्पाद बनाने शुरू किए, इससे अलग-अलग कलाकृतिया बनाई गई, अमानक पॉलीथीन पर रोक लगी, ट्रेचिंग ग्राउंड पर कचरे से पेवर ब्लॉक बनाने का प्लांट लगा। ईंट भी बनना शुरू।
साल 2021- छठा सर्वेक्षण- रैंक 1, अब फाइव स्टार के साथ देश का पहला वॉटर प्लस का दर्जा भी
सबसे बड़ा चेंलेंज लिया वॉटर पॉल्यूशन खत्म करने का, सीवरेज लाइन को ठीक किया गया, नालों को कान्ह नदी में मिलने से रोका गया और नाला टेपिंग की गई। 550 टन गीले कचरे से खाद बनाने की यूनिट लगी, जीरो वेस्ट वार्ड भी बने, जहां से कचरा निकलना ही बंद हो गया, नालों के किनारे सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट लगे, यहां के ट्रीटेड वॉटर से पौधों को पानी दिया गया, कार्बन क्रेडिट से नौ करोड की कमाई भी हुई। देश का पहला वाटर प्लस सर्टिफिकेट वाला शहर बना। तीसरी बार फाइव स्टार रेटिंग मिली।
अब क्यों मिल रहा है हमे छठी बार नंबर वन का खिताब, 7 स्टार की रेटिंग वाला भी देश में पहला शहर
इस बार रेटिंग के लिए छह हजार की जगह 7500 अंक का सर्वेक्षण हो रहा है। इसमें तीन हजार अंक डिजिटल ट्रेकिंग औऱ् सफाई मित्र सुरक्षा को लेकर है। इसमें हमे पूरे अंक मिल रहे हैं। 2250 अंक का सर्टिफिकेशन (वाटर प्लस व सेवन स्टार रेटिंग) के हैं, यह दोनों हमे मिल रहे हैं, इसलिए इसके अंक भी हमे पूरे मिल रहे हैं। 2250 अंक सिटीजन वाइस और महामारी में तैयारी को लेकर है। इसमें भी इंदौर सबसे आगे हैं। सर्वे में कचरे की प्रोसेसिंग, लिफ्टिंग, सेग्रीगेशन, सफाई, सिंगल यूज प्लास्टिक बैन, कचरे को अलग- अलग निपटान कनरे जैसे मानक है, जो इंदौर बहुत पहले के सर्वेक्षण में ही पूरे कर चुका है और अब इंदौर थल, जल के बाद वायु प्रदूषण को खत्म करने की ओर तेजी से बढ़ रहा है। इसके चलते उसे सेवन स्टार का दर्जा भी दिया जा रहा है।
शाम 4 बजे होगी घोषणा
दिल्ली के तालकटोरा स्टेडियम में शाम 4 बजे से आयोजित समारोह में राष्ट्रपति द्वारा स्वच्छता सर्वेक्षण 2022 के अवार्ड दिए जाएंगे। इसके लिए शहर में लाइव टेलीकास्ट के लिए एलईडी लगाई गई है।
अवॉर्ड लेकर लौटने पर निकलेगा रथ जुलूस
इधर नगर निगम ने एक अक्टूबर को दिल्ली में होने वाले कार्यक्रम के लाइव प्रसारण के साथ ही इंदौर के सफाई में फिर सिरमौर बनने को लेकर जश्न की तैयारी शुरू कर दी है। शङर में राजवाड़ा, पलासिया चौराहा, मालवा मिला, मेघदूत, खजराना मंदिर, रणजीत हनुमान मंदिर, बड़ा गणपति मंदिर. भंवरकुआं चौराहा, रीगल तिराहा, मरीमाता चौराहा और रेडिसन चौराहे के पास एलईडी पर लाइव टेलीकॉस्ट होगा। साथ ही अवार्ड लेकर इंदौर आने पर टीम का एयरपोर्ट से रथ, बैंड के साथ राजवाड़ा तक जुलूस होगा वहां मंचीय कार्यक्रम होगा. इसमें अलग-अलग संगठनों द्वारा मंच लगाया जाएगा।
महापौर पुष्यमित्र भार्गव ने सभी गरबा मंडल, आयोजकों को एक पत्र जारी अपील की है कि एक अक्टूबर को इंदौर सफाई का अवार्ड प्राप्त करता है तो इस उपलक्ष्य में गरब पांडालों में स्वच्छता गान गीत पर हमारे शहर की बच्चियां गरबा करें और देश में एक अनूठा संदेश दें। स्वच्छता गान की रिकार्डिंग नगर निगम द्वारा उपलब्ध कराई जाएगी। साथ ही जिन सफाई मित्रों के के कारण यह संभव हुआ, उन्हें भी सम्मान कर अनूठी मिसाल पेश करें।