Ujjain. गंगा दशहरे के मौके पर उज्जैन के नीलगंगा चौराहा स्थित नील गंगा घाट पर सुबह सिंहस्थ जैसा नजारा दिखाई दिया। नीलगंगा पड़ाव स्थल से सुबह संतों की पेशवाई प्रारंभ हुई। यह पेशवाई जूना अखाड़ा घाट पहुंची। पेशवाई में जूना अखाड़े के संत महात्मा के साथ अन्य संत-महात्मा और भक्त शामिल हुए। नीलगंगा सरोवर घाट पर पहुंचने के बाद सभी ने स्नान किया। श्री पंच दशनाम जूना अखाड़ा के अंतरराष्ट्रीय प्रवक्ता महेंद्र नारायण गिरी महाराज ने बताया कि जूना अखाड़ा की तरफ से 2017 से नीलगंगा घाट पर गंगा दशहरे के अवसर पर पूजन और स्नान किया जा रहा है।
शाम को होगी महाआरती
घाट पर शाम को मां नीलगंगा की महाआरती के साथ ही संत और भक्तजनों का भंडारा आयोजित होगा। इस अवसर पर हरियाणा से आए जंगम जोगी बाबा द्वारा शिव स्तुति और बालिकाओं द्वारा गंगा स्तुति की प्रस्तुति की जाएगी। कार्यक्रम में जूना अखाड़े के पेशवाई में जयअम्बेनंद गिरी महामंडलेश्वर गुजरात गिरनार, महेंद्रनंद जी महामंडलेश्वर गुजरात धारी (गिर), शैलशनन्द जी महामंडलेश्वर शामिल हुए।
क्षिप्रा तट पर कई आयोजन
गंगा दशहरे के अवसर पर मोक्षदायिनी मां शिप्रा नदी पर सुबह से ही पूजन अभिषेक का क्रम शुरू हो गया है। रामघाट के सामने स्थित शिप्रा गंगा माता मंदिर में पूजा अर्चना का दौर चलता रहा। मां शिप्रा का दूध से अभिषेक किया गया। राम घाट पर शाम को शिप्रा तीर्थ परिक्रमा यात्रा समिति द्वारा 300 फीट लंबी चुनरी अर्पित कर पूजा-अर्चन की जाएगी। इसी तरह गंगा कुंड में भी श्रद्धालु पूजन अर्चन करेंगे।