देव श्रीमाली, GWALIOR. मध्य प्रदेश के चंबल अंचल में श्योपुर जिले के कूनो में अब अफ्रीकी चीतों की अगवानी की तैयारियां अंतिम चरण में हैं। देशभर के वन्य प्राणी विशेषज्ञ, प्रदेश के फॉरेस्ट के आला अफसर तो वहां डेरा डाले ही हुए हैं। साथ ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आगमन के मद्देनजर पूरे पुलिस और प्रशासनिक अफसर भी श्योपुर में ही कैंप कर रहे हैं। 17 सितंबर को पीएम नरेंद्र मोदी का जन्मदिन है और वे अपना जन्मदिन मध्यप्रदेश के इसी आदिवासी बाहुल्य क्षेत्र में मनाएंगे। वे अफ्रीका से आने वाले चीतों को पिंजरे से निकालकर बाड़े में छोड़ेंगे लेकिन इस मौके पर आम लोग सीधे चीतों का दीदार नहीं कर पाएंगे क्योंकि वहां पीएम मोदी,कुछ चुनिंदा नेताओं और अफसरों के अलावा किसी को भी प्रवेश नहीं मिल सकेगा।
पहले चीते फिर पीएम पहुंचेगे ग्वालियर
ग्वालियर एयरपोर्ट को वीवीआईपी यात्रा के लिए व्यवस्थाओं को एकदम चाक-चौबंद किया जा रहा है। 8 अफ्रीकी चीते विशेष विमान से ग्वालियर पहुंचेंगे और फिर हेलीकॉप्टर से इन्हें कूनो ले जाया जाएगा। इसके लिए कूनो में पहले ही पांच एयरस्ट्रिप बनकर तैयार हो गईं हैं। एयरपोर्ट पर डॉक्टर्स, वन्य प्राणी विशेषज्ञों का दस्ता और वन्यजीव संबंधी फर्स्ट एड के लिए विशेष व्यवस्था रखी जाएगी, ताकि वहां किसी प्रकार की जरूरत हो तो उन्हें चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराई जा सके। इसके बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी विशेष विमान से ग्वालियर पहुंचेंगे। वे वायुसेना के एयरबेस पर उतरेंगे और वहां से हेलिकॉप्टर से कुनो के लिए रवाना होंगे। यहां अभी तक उनका कोई कार्यक्रम नहीं है ये महज ट्रांजिट विजिट होगा। ग्वालियर जिला प्रशासन पीएम के आगमन को लेकर सारी व्यवस्थाओं को अंतिम रूप देने में लगा हुआ है।
4 सदस्यीय टीम ने बारीकी से देखी हर चीज
दक्षिण अफ्रीका से वन्य विशेषज्ञ और वहां की संवैधानिक जानकारों की 4 सदस्यीय टीम कूनो पहुंची और वहां दक्षिण अफ्रीका से आए विशेषज्ञों ने कूनो की व्यवस्थाओं को देखा। विशषज्ञों ने चीतों को रखने, उनके लिए उपलब्ध हैबिटेट, इनके लिए बनाए गए बाड़े और इनके भोजन की उपलब्धता और उनके स्वास्थ्य संबंधी व्यवस्थाओं का बारीकी से अध्ययन किया। यहां चीतों के लिए बनाए गए बाड़े और सारे इंतजामों को देखकर विशेषज्ञ दल संतुष्ट दिखा। वे चीतों के लिए बनाए गए बाड़े को देख काफी खुश हुए, उन्होंने कहा कि यह तो बिल्कुल नामीबिया जैसा ही है तो उनके साथ चल रहे डब्ल्यूआईआई (वाइल्ड लाइफ इंस्टीट्यूट ऑफ़ इंडिया) के डीन वाय वी झाला ने उन्हें बताया कि चीते दक्षिणी अफ्रीका से आना है इसलिए हमने इस बाड़े की डिजाइन से लेकर निर्माण तक में अफ्रीकन विशेषजों की ही सेवाएं लीं हैं, जिससे चीते यहां उतरते ही अपना हेबिटेड पा सकें और उन्हें नयापन ना लगे। बताया गया कि इस दल की रिपोर्ट के आधार पर ही अब चीतों को लेकर एमओयू साइन होगा।
11 सितंबर को कूनो पहुंचेंगे केंद्रीय वन मंत्री
केंद्रीय वन मंत्री भूपेंद्र यादव पीएम के दौरे से पहले व्यवस्थाएं देखने 11 सितंबर को कूनो पहुंचेंगे। इस दौरान प्रदेश के वन मंत्री कुंवर विजय शाह भी श्योपुर पहुंचेंगे। दोनों मंत्री तैयारियों का अवलोकन करने के बाद अफसरों के साथ समीक्षा बैठक करेंगे। उम्मीद जताई जा रही है कि पीएम की यात्रा से पहले सीएम शिवराज सिंह और केंद्रीय कृषिमंत्री नरेंद्र सिंह तोमर भी श्योपुर आकर व्यवस्थाओं का जायजा ले सकते हैं।
क्ववारंटाइन में रहेंगे नए मेहमान
नामीबिया से 8 अफ्रीकी चीते आ रहे हैं इनमें पांच मेल और तीन फीमेल हैं। PCCF वन्यजीव जेएस चौहान ने बताया कि नामीबिया में चीतों का वैक्सीनेशन और जरूरी मेडिकल ट्रीटमेंट दिया जा चुका है। वे वहां अभी क्वारंटीन हैं। कूनो में आने के बाद उन्हें क्वारंटाइन बाड़े में ही रखा जाएगा और लगभग डेढ़ महीने बाद ये अभ्यारण्य में घूम सकेंगे। ये भी बताया गया कि चीतों को नामीबिया से रवाना होने से 2 दिन पहले से भूखा रखा जाएगा। ताकि लंबी यात्रा के दौरान उनकी तबियत न बिगड़े और उल्टी-दस्त ना हो। उन्हें कूनों पहुंचने पर ही भोजन कराया जाएगा, इस बीच शरीर को ताकत देने के लिए वैकल्पिक व्यवस्था की जाएगी।
PM मोदी खोलेंगे पिंजरों के गेट,बाड़े में कूदेंगे चीते
जिस जगह पर चीते पिंजरे से बाड़े में छोड़े जाएंगे वहां पीएम नरेंद्र मोदी ही मौजूद रहेंगे। चीतों के पहुंचने के 2 घंटे बाद पीएम वहां पहुंचेंगे। यहां सीएम शिवराज सिंह चौहान,केंद्रीय कृषिमंत्री नरेंद्र सिंह तोमर और केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया उनकी आगवानी करेंगे। पीएम यहां चीता मित्रों से मिलेंगे,इन्हें चीतों के संरक्षण के लिए तैयार किया गया है। जिन पिंजरों में चीतों को लाया जाएगा उनका मुंह 5 वर्ग किलोमीटर में बनाये गए अफ्रीकन स्टाइल के बाडे की तरह रहेगा। पीएम मोदी पुलिंग के जरिये एक-एक कर इन पिंजरों के गेट खोलेंगे और चीते उससे निकलकर बाड़े में कूद जाएंगे। दो हफ्ते तक इसमें रहने के बाद इनको 60 हेक्टेयर के बड़े बाड़े में शिफ्ट किया जाएगा। यहां डेढ़ महीने रहने के बाद इन्हें जंगल में छोड़ा जाएगा। इसके बाद पीएम और सभी नेता कराहल पहुंचेगे, जहां महिला स्व सहायता समूह के कार्यकर्ताओं को संबोधित करेंगे।
अभी आम जनता को चीतों का नहीं होगा दीदार
कूनो में जहां चीतों को छोड़ा जाएगा वहां आम लोग नहीं पहुंच सकेंगे, लोगों को अभी चीतों का दीदार नहीं होगा। इसके लिए उन्हें लंबा इंतजार करना पड़ेगा। डेढ़ महीने रहने के बाद यहां के माहौल में रम जाने के बाद चीतों को जंगल में छोड़ा जाएगा, इसके बाद लोग चीतों को निहार सकेंगे। यह व्यवस्था चीतों के स्वास्थ्य और अंतर्राष्ट्रीय मानकों के पालन के कारण की गई है।