BHOPAL: MP के 15 जिलों में मंडरा रहा सूखे का खतरा, बारिश ने होने से धान की खेती हो रही प्रभावित, किसानों की चिंता बढ़ाई

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Vivek Sharma
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BHOPAL: MP के 15 जिलों में मंडरा रहा सूखे का खतरा, बारिश ने होने से धान की खेती हो रही प्रभावित,  किसानों की चिंता बढ़ाई

Bhopal. एक तरफ जहां देश के अलग-अलग हिस्सों में जबरदस्त बारिश हो रही है और बाढ़ के हालात बने हुए हैं, वहीं दूसरी तरफ मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) के 15 जिलों मे बारिश नहीं होने के चलते धान की खेती प्रभावित हो रही है और अब तो सूखे के आसार नजर आने लगे हैं। इसकी वजह से अन्नदाताओं के माथे पर चिंता की लकीरें दिखाई देने लगी हैं। बरसात न होने की वजह से धान की खेती पिछड़ रही है। इसके अलावा धान की नर्सरी को बचाने की कवायद में भी किसानों के पसीने छूट रहे हैं। प्रदेश के बुंदेलखंड और बघेलखंड सहित एमपी के तमाम जिलों मे बारिश न होने के चलते हर तरफ हाहाकार मचा है। अन्नदाता सूखे की आशंका से चिंतित हैं। मौसम विभाग के अनुसार गुजरात, छत्तीसगढ़ और एमपी से सटे कई जिलों में अभी मानसून सक्रिय नही हो पाया है, जिस वजह से ये हालात बने हुए हैं. बंगाल की खाड़ी और अरब सागर के कारण अभी इंदौर, रतलाम, खंडवा, उज्जैन, हरदा, विदिशा और गुना में ज्यादा बारिश हो रही है। अगले सप्ताह तक इन्हीं जिलों में बारिश होने के आसार हैं।





 अगले कुछ दिनों में इन जगहों पर होगी बारिश





 मौसम विभाग के अनुसार 22 से 28 जुलाई के बीच प्रदेश के कई जगहों पर अच्छी बारिश होने की उम्मीद है। मौसम विभाग के अनुसार इस दौरान बघेलखंड, बुंदेलखंड सहित चंबल इलाके में बारिश होने की संभावना है। दूसरी तरफ रीवा, सिंगरौली, सीधी और सतना वाले इलाके में 60 प्रतिशत से कम बारिश हुई है। बुंदेलखंड इलाके में अब तक सबसे कम बारिश हुई है। जुलाई का दूसरा सप्ताह खत्म हो गया है और अब तक जिन खेतों में धान की रोपाई हो जानी चाहिए थी, उन खेतों में अभी तक धूल उड़ रही है।





 किसानों को सता रही ये चिंता





 किसानों की आंखें आसमान की तरफ टकटकी लगाए देख रही हैं कि कब इंद्रदेव मेहरबान होंगे और बारिश होगी, ताकि वे अपने खेतों में धान की रोपाई कर पाएं। तमाम किसानों को इस बात की चिंता सता रही है कि अगर बरसात नहीं होगी तो धान की रोपाई कैसे होगी, फिर धान की फसल जब पैदा नहीं होगी तो उनके घर का खर्च कैसे चलेगा? वर्षा काल का समय लगभग ड़ेढ माह का सामाप्त हो रहा है। लेकिन अभी भी एमपी के बघेलखंड और बुंदेलखंड पानी के लिए तरस रहे हैं यानि की गुजरात, छत्तीसगढ़ और उत्तर प्रदेश से सटे जिले बारिश के लिए तरस रहे हैं, जिसमें से टीकमगढ़, छतरपुर, पन्ना, सतना, रीवा, सीधी और सिंगरौली में बहुत कम पानी गिरा है। ग्वालियर-चंबल में भिंड और दतिया में भी चिंता की लकीरें खिंच गई हैं। ऐसा नही कि एमपी में बारिश नही हो रही है बल्कि प्रदेश के 60 प्रतिशत भागों में घनघोर पानी बरसने के कारण यहाँ का जन-जीवन काफी खराब हो गया है। घरों में पानी घुस जाने से लोग घर छोड़कर पलायन हो रहे है।







इन जिलों में  बारिश का इंतजार









प्रदेश के 15 जिलों में बारिश के मौसम की शुरूआत ही सूखे से हुई। झाबुआ, अलीराजपुर, भिंड, दतिया, टीकमगढ़, निवाड़ी, छतरपुर, पन्ना, सतना, रीवा, सीधी, सिंगरौली, उमरिया, कटनी और डिंडौरी में सबसे कम बारिश हुई है। सीधी और रीवा के हालात सबसे ज्यादा खराब हैं। यहां अब तक कोटे की 60 प्रतिशत से कम बारिश हुई है।







 



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