भोपाल. मध्यप्रदेश की 5 हस्तियों को पद्मश्री सम्मान से सम्मानित किया जाएगा। गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर भारत सरकार ने पद्म आलंकारों की घोषणा की। भोपाल के डॉ. एनपी मिश्रा को मरणोपरांत सम्मान दिया जाएगा। इन पांच हस्तियों में से तीन को कला के क्षेत्र में आपनी उत्कृष्ट सेवाओं के लिए सम्मानित किया जाएगा। इनके अलावा एक साहित्यकर्मी को भी चुना गया है। डॉ. मिश्रा मध्यप्रदेश के चिकित्सा जगत में पितामह माने जाते हैं। कला में अर्जुन सिंह धुर्वे, रामसहाय पांडे और दुर्गा बाई व्याम के नाम शामिल हैं। जबकि साहित्य और शिक्षा के लिए अवध किशोर जाड़िया को चुना गया है।
डॉ. एनपी मिश्रा : मध्यप्रदेश की राजधानी के सीनियर फिजीशियन डॉ. एनपी मिश्रा (NP mishra) 5 सितंबर 2021 को पंचतत्व में विलीन हो गए। 90 वर्षीय डॉ. मिश्रा ने सिविल लाइंस स्थित अपने निवास पर अंतिम सांस ली थी। वह काफी समय से बीमार थे। डॉ. मिश्रा को प्रदेश के चिकित्सा जगत का भीष्म पितामह माना जाता है। साल 1984 में भोपाल में हुई गैस त्रासदी (bhopal gas tragedy) में मरीजों के इलाज के दौरान उन्होंने अहम भूमिका निभाई थी। उस समय भोपाल के अधिकांश चिकित्सकों को घातक मिथाइल आइसो साइनाइड गैस (MIC) के दुष्प्रभाव और उसके इलाज की जानकारी नहीं थी। तब उन्होंने अमेरिका (America) और दूसरे देशों के डॉक्टरों से बात करके गैस के बारे में जानकारी जुटाई थी। डॉ. श्रीवास्तव ने बताया कि डॉ. मिश्रा ने कार्डियोलॉजी पर एक किताब लिखी थी, जो डीएम कार्डियोलॉजी के छात्र पढ़ते हैं।
गैस त्रासदी के समय वह भोपाल के गांधी मेडिकल कॉलेज (GMC) में मेडिसिन विभाग में प्रोफेसर थे। डॉ. मिश्रा ने गैस त्रासदी कांड में हमीदिया (hamidia) अस्पताल में मरीजों के इलाज के लिए मोर्चा संभाला था। उस रात उन्होंने हॉस्टल के सभी मेडिकल स्टूडेंट को अस्पताल बुलाकर ड्यूटी पर लगाया और खुद भी इलाज में जुट गए। इसके बाद वह लगातार 2 से 3 दिन तक बिना सोए मरीजों के इलाज में जुटे रहे।