Bhopal. मध्यप्रदेश (Madhya Pradesh) में पंचायत चुनाव (Panchayat Election) का मुद्दा गरमाता ही जा रहा है। नगरीय निकाय (Urban Bodies) और पंचायत चुनावों में ओबीसी आरक्षण (OBC reservation) लागू होने की उम्मीद फिर से जाग गई है। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान (Chief Minister Shivraj Singh Chouhan) की पहल पर सरकार ने जो संशोधन याचिका (amendment petition) पेश की है, उसे सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने सुनवाई के लिए स्वीकार कर लिया है। कोर्ट इस मामले की सुनवाई 17 मई को करेगा। मध्यप्रदेश पंचायत चुनाव में आरक्षण मिलेगा या नहीं इसका फैसला कोर्ट का आदेश तय करेगा।
यह है मामला
सुप्रीम कोर्ट ने 10 मई को राज्य निर्वाचन आयोग को 15 दिनों में पंचायत और नगरीय निकाय चुनाव की अधिसूचना जारी करने को कहा था। साथ ही यह चुनाव बिना ओबीसी आरक्षण के कराने के निर्देश दिए हैं। इस आदेश में संशोधन के लिए शिवराज सरकार ने 12 मई को सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी, जिसे स्वीकार कर लिया गया है। इससे पहले मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने 11 मई को दिल्ली में सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता और वकीलों की टीम से मुलाकात की थी।
ओबीसी आरक्षण पर राजनीति जारी
सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद बीजेपी और कांग्रेस दोनों ने ओबीसी आरक्षण खत्म करने का आरोप एक-दूसरे पर लगाना शुरू कर दिया। दोनों ही राजनीतिक दलों ने बिना आरक्षण के चुनाव होने पर ओबीसी वर्ग को साधने के लिए 27 प्रतिशत टिकट ओबीसी वर्ग के नेताओं को देने का ऐलान किया था। राज्य निर्वाचन आयोग ने चुनाव कराने की तैयारी तेज कर दी है। आयुक्त बसंत प्रताप सिंह ने सभी जिलों के कलेक्टर्स के साथ बातचीत की। उन्होंने साफ कहा कि दोनों ही चुनाव जून माह में करा लिए जाएंगे। पंचायत चुनाव बैलेट पेपर और नगरीय निकाय चुनाव ईवीएम से होंगे।