भोपाल. पचमढ़ी की ठंडी वादियों में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान अपनी पूरी टीम के साथ 25 से 27 मार्च तक चिंतन करने जा रहे हैं। पचमढ़ी की वादियां भले ही ठंडी हों लेकिन बंद कमरे के अंदर का तापमान गर्म रहने के आसार नजर आ रहे हैं। ये चिंतन बैठक खासतौर पर मिशन 2023 का रोडमैप तैयार करने के लिए हो रही है। मुख्यमंत्री ने मंत्रियों को ये जता दिया है कि चिंतन बैठक राजनीतिक कर्मकांड नहीं है इसलिए वे इसे हल्के में न लें। सीएम की इस चेतावनी का मंत्रियों पर इस कदर असर हुआ कि वे होली की छुटिटयों में भी अपने-अपने विभाग की फाइलें टटोलते रहे। बीजेपी से जुड़े सूत्र बताते हैं कि इस चिंतन शिविर में मंत्रियों का दो साल का परफॉर्मेंस देखा जाएगा। कमजोर परफॉर्मेंस वाले मंत्रियों के विभागों में बदलाव किया जा सकता है। कुछ मंत्रियों के विभागों में फेरबदल के साथ ही कुछ चेहरों पर तलवार भी लटकी है।
मंत्रियों की रिपोर्ट तैयार होगी: मतलब साफ है कि जो कुछ होगा वो अगले विधानसभा चुनाव के नजरिए से ही होगा। सीएम मंत्रियों को चुनाव की दृष्टि से नए टास्क भी सौंपेंगे। जनता की नब्ज टटोलने के लिए गांवों में रात रुकना अनिवार्य किया जा सकता है। प्रभारी मंत्रियों के प्रभार वाले जिलों में दौरों की रिपोर्ट भी तैयार की जा रही है। गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने कहा कि ये बैठक प्रदेश के विकास के लिए है और मंथन से जो अमृत निकलेगा वो जनता के कल्याण के लिए होगा।
क्षमता का आकलन होगा: वैसे चिंतन बैठक तो सरकार की है लेकिन इसमें संगठन का दखल भी हो सकता है। संगठन के प्रमुख नेता भी इस बैठक में नजर आ सकते हैं। संगठन के लिहाज से मंत्रियों की उपयोगिता और कार्य क्षमता का आकलन कर नई जिम्मेदारियां सौंपी जा सकती हैं। बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा कहते हैं कि बीजेपी कैडरबेस पार्टी है और चिंतन-मनन जैसी बातें हमेशा होती रहती हैं।
पहले इस बैठक के लिए कान्हा को चुना गया था लेकिन मौसम के गर्म तेवरों को देखते हुए पचमढ़ी को ही मुफीद माना गया। इस बैठक के साथ ही ये माना जा सकता है कि बीजेपी ने मिशन 2023 के लिए तैयारी शुरू कर दी है।