Bhopal. मध्यप्रदेश में इन दिनों कथावाचकों और बाबाओं की धूम मची हुई है, हालात यह है कि नेताओं में इनकी कथा कराने के लिए होड़ मची हुई है और कथा सुनने के लिए लाखों भक्तों की भीड़ भी उमड़ रही है। सभी भक्त अपनी परेशानियों लेकर दरबार में समाधान की आस और आशीर्वाद के लिए दूर-दूर से चले आ रहे है। लेकिन बाबाओं की समस्याओं का समाधान किसके पास है। हाल ही में बागेश्वर बाबा के परिवार में कलह का मामला प्रकाश में आया। पूरे देश दुनिया में तेजी से लोकप्रिय हो रहे छतरपुर के बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर पं. धीरेन्द्र शास्त्री रामकथा करने और दरबार सजाने जैसे ही लंदन रवाना हुए, उनके ताऊ ने पंडोखर महाराज के दरबार में पहुंचकर धीरेन्द्र पर छलपूर्वक बागेश्वर धाम की गद्दी हथियाने का आरोप लगा दिया। पंडोखर महाराज ने बागेश्वर धाम का असली पीठाधीश्वर धीरेन्द्र शास्त्री के चचेरे भाई देवेन्द्र शास्त्री को घोषित करते हुए हरसंभव मदद का भरोसा दिलाया।
बिन बोले जान लेते है मन की बात
छतरपुर जिले के बागेश्वर धाम पर धीरेन्द्र शास्त्री का दरबार काफी चर्चित है। वे धाम पर आने वालों की समस्या को पहले से बता देते हैं। समस्या का समाधान भी बताते हैं। भूत प्रेत की बाधा भी दूर करते हैं। देश विदेश से लाखों भक्त प्रतिदिन उनके दरबार में पहुंचते हैं। बागेश्वर महाराज ने पिछले कुछ दिनों से बागेश्वर धाम के बाहर रामकथा भी शुरू कर दी है। दमोह, बीना और इंदौर में उनकी कथा में बड़ी संख्या में भक्त पहुंचे थे। वे एक जून को कथा करने और दरबार लगाने लंदन गए हुए हैं।
ताऊ ने पंडोखर दरबार में की शिकायत
तो इधर उनके सगे ताऊ अपने बेटे पं. देवेन्द्र शास्त्री गर्ग के साथ दतिया जिले के पंडोखर धाम पहुंचे, जहां उन्होंने बागेश्वर धाम का असली उत्तराधिकारी अपने बेटे देवेन्द्र को बताते हुए पंडोखर महाराज से मदद की गुहार लगाई। पंडोखर महाराज ने भी सार्वजनिक रूप से पं. धीरेन्द्र शास्त्री को असत्य और छलिया बताते हुए देवेन्द्र शास्त्री को असली पीठाधीश्वर बताते हुए बागेश्वर धाम को वापस पाने काशी में कुछ तंत्र क्रियाएं करने का सुझाव दिया है।
तंत्र विद्या से बागेश्वर बाबा की शक्ति करेंगे खत्म
धीरेन्द्र शास्त्री जिस तरह पर्चा बनाकर लोगों की समस्यायें बताते हैं, ठीक उसी तरह पंडोखर महाराज भी दरबार लगाकर लोगों के मन की बातें बताने और समस्या का समाधान बताते हैं। पंडोखर महाराज ने धीरेन्द्र शास्त्री के ताऊ जी से कहा है कि आपका बेटा असली है इसलिए उसका दरबार शुरू कराओ, वह घूरे पर बैठकर भी दरबार लगाएगा तो भी सफलता मिलेगी। उन्होंने कहा कि धीरेन्द्र शास्त्री ने काशी में मृत संत सेतुलाल महाराज की आत्मा को सिद्ध कर लिया है। तंत्र विद्या से यदि सेतुलाल महाराज की आत्मा को काशी में ही स्थान मिल जाए तो धीरेन्द्र शास्त्री की शक्ति समाप्त हो जाएगी। पंडोखर महाराज ने कहा काशी में तंत्र मंत्र के लिए वे मदद को तैयार हैं। इसके अलावा धीरेन्द्र शास्त्री के चचेरे भाई यदि दरबार शुरु करते हैं तो वे उनकी मदद को छतरपुर आने तैयार हैं।