संजय गुप्ता/योगेश राठौर, INDORE. पीथमपुर में फूड पार्क के लिए जितनी जमीन हमें मप्र शासन ने दी है, उतने में तो हम कबड्डी खेलते हैं। यह डायलॉग बाबा रामदेव का है जो उन्होंने अक्टूबर 2016 में इंदौर में हुई ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट के दौरान तत्कालीन प्रमुख सचिव उद्योग मोहम्मद सुलेमान पर तंज मारते हुए कही थी। साथ ही वादा किया था कि हम यहां 500 करोड़ का निवेश करेंगे और इससे पांच हजार लोगों को रोजगार मिलेगा। वादा तो यह भी था कि यहां के किसानों का गेंहू व अन्य उत्पाद खरीदेंगे, इससे पास्ता, आटा बनेगा जो विदेशों में जाएगा। इन वादों के साथ बाबा रामदेव से जुडी पतंजलि कंपनी ने एकेवीएन (अब नाम एमपीआईसीडी) मार्च 2017 में पीथमपुर में 40 एकड़ जमीन मात्र 25 लाख रुपए प्रति एकड़ से मात्र 10 करोड़ में अपने नाम करा ली, जबकि जमीन की कीमत 30 करोड़ रुपए (75 लाख रुपए प्रति एकड़) थी।
मौके पर यह हैं हालात
द सूत्र के संवाददाता ने जब मौके पर जाकर इस प्रोजेक्ट हाल देखे तो वहां जमीन को घेरकर पूरी लंबी बाउंड्रीवाल बनी हुई मिली, इसके ऊपर कंटीले तार लगे हुए हैं। एक मुख्य द्वार जैसी चीज बनाई गई है, जिसके बाहर गेट की जगह टीन के टपरे लगाए हुए हैं, ताकि कोई अंदर नहीं आ सके। अंदर झांकने पर एक-दो झोपड़ी दिखती है और कुछ सीमेंट के पिलर और इनसे झांकते हुए थोड़े से सरिए नजर आते हैं। बाकी जमीन वैसी ही पड़ी हुई है जैसी उन्हें मिली थी।
दो बार नोटिस, लेकिन जमीन वापस लेने की हिम्मत नहीं
पतंजिल ग्रुप के आचार्य बालकृष्ण को इस मामले में दो बार नोटिस हो चुके हैं, क्योंकि तीन साल में निर्माण का वादा तो कभी का टूट चुका। एमआईसीडीसी के रीजनल डायरेक्टर रोहन सक्सेना कहते हैं कि उन्होंने काम तो नहीं किया है, हम पहले भी नोटिस दे चुके हैं, अभी पूरी रिपोर्ट बनाकर शासन स्तर पर भेज दी है। वहीं प्रमुख सचिव संजय शुक्ला कहते हैं कि इंदौर से रिपोर्ट आई है, हम ग्रुप से बात कर रहे हैं, बीच में कोविड के चलते प्रोजेक्ट में देरी हुई थी, हम चाहते हैं कि प्रोजेक्ट लगे तो सभी को लाभ मिले।
इधर कतार में हैं उद्योगपति, जमीन नहीं मिल रही
उधर पीथमपुर में लगातार निवेश के लिए उद्योगपतियों का आना लगा हुआ है लेकिन वह सभी कतार में हैं क्योंकि पीथमपुर में अब जमीन नहीं बची है। पीथमपुर में जमीन अधिग्रहित कर सेक्टर सेवन बनाया जा रहा है, इसके बाद ही जमीन मिलेगी। वहीं इसके पहले अनिल अंबानी ने भी यहां 100 एकड़ जमीन पर प्रोजेक्ट लाने का वादा सीएम से किया था, जमीन रखी थी, लेकिन जब वह नहीं आए तो उसे डिनोटिफाइ कर दूसरों को आवंटित कर दी और एक साल में वहां सारे प्रोजेक्ट लग गए। अब ऐसे में मांग है कि यह जमीन बाबा रामदेव से वापस ले ली जाए तो एक साल में ही दूसरी इंडस्ट्री शुरू हो जाएगी।