सुनील शर्मा, BHIND. मध्यप्रदेश सरकार भले ही लाख दावे करे कि शहरों से लेकर ग्रामीण स्तर तक स्वास्थ्य सेवाएं बेहतर रूप से दी जा रही हैं लेकिन हकीकत में ज्यादातर सरकारी योजनाएं धरातल पर धराशायी होती दिखाई दे ही जाती हैं। भिंड में दम तोड़ती सरकारी स्वास्थ्य सुविधाओं की तस्वीरें भिंड जिले के अंतिम छोर पर बसे दबोह कस्बे के मारपुरा गांव से सामने आ रही हैं। जहां पर अपने बीमार पिता का इलाज कराने के लिए कई बार 108 एंबुलेंस को फोन लगाने के बाद भी सरकारी सहायता नहीं मिलने पर परेशान बेटा अपने बीमार पिता को ठेले पर लेकर दबोह अस्पताल पहुंचा।
राहत की बात रही तबीयत ज्यादा नहीं बिगड़ी
राहत की बात रही कि उसके पिता की तबीयत ज्यादा खराब नहीं हुई अन्यथा कुछ भी अनर्थ हो सकता था। रास्ते में बीमार पिता को ठेले पर ले जाते समय किसी ने विजुअल बना लिया और उससे बातचीत का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल कर दिया जिसमें पीड़ित बता रहा है इलाज के लिए ना तो उसके पास पैसा है, ना ही आयुष्मान कार्ड है जिससे उसका मुफ्त इलाज किया जा सके। यहां तक कि उसके पास फोन भी नहीं है। एंबुलेंस को भी उसने अपने पड़ोसी का फोन मांगकर कॉल किया था।
108 एंबुलेंस के कर्मचारियों ने नहीं उठाया फोन
कई बार फोन करने पर भी 108 एंबुलेंस के कर्मचारियों ने फोन नहीं उठाया जबकि उप स्वास्थ्य केंद्र पर एक एंबुलेंस और एक जननी एक्सप्रेस 24 घंटे उपलब्ध रहती है लेकिन लोगों को उसका लाभ नहीं मिल पा रहा है। लहार बीएमओ से जब इस संबंध में बात की गई तो उन्होंने मामले को संज्ञान में आने के बाद वरिष्ठ अधिकारियों को अवगत कराकर जिम्मेदारों पर कड़ी कार्रवाई कराने की बात कही है।