ग्वालियर. बाढ़ की वजह लोगों का जीवन अस्त- व्यस्त हो गया है। बाढ़ प्रभावित इलाके के लोगों को अब सड़को पर रहना पड़ रहा है। डबरा के चांदपुरा गांव के लोगों की जिंदगी सड़कों पर आ गई है। रहने के लिए छत नहीं है तो लोगों ने सड़कों पर कुटिया गाड़ ली। हास्यास्पद तो ये है कि सर्वे टीम लोगों से जानवरों के शव मांग रही है।
580 मकान क्षतिग्रस्त हो गए
1 और 2 अगस्त को अतिवृष्टि (ज्यादा बारिश) होने की वजह से सिंध और पार्वती नदी उफान पर आ गई थी। कई गांव पूरी तरह से डूब गए थे। 580 मकान क्षतिग्रस्त हो गए, वहीं 260 कच्चे मकान बाढ़ की वजह से ढह गए।
हाईवे पर जीवन गुजार रहे है
गांव के कई परिवार हाईवे पर जीवन गुजार रहे है। यहां के लोगों में दहशत का माहौल है कि कहीं उन्हें कोई ट्रक या गाड़ी उड़ा न दे। राहत साम्रगी के नाम पर इन्हें बस एक 10 किलो आटा मिला था। प्रशासन के लोग अभी तक इन लोगों के पास सर्वे के लिए नहीं पहुंचे। गांव के लोगों का कहना है कि सर्वे ही नहीं हुआ तो राहत कब मिलेगी।
सर्वे वाले पशुओं का शव मांग रहे
लोगों का कहना है कि सर्वे वाले लोग उनसे जानवरों का शव मांग रहे है। बाढ़ को आए 15 दिन बीत गए है, लेकिन स्थिति बद से बदतर है। योजनाएं सिर्फ कागजों में है। समाजसेवी ही लोगों की मदद के लिए आगे आए है।