खंडवा. रोजगार की तलाश में खंडवा समेत आसपास के जिलों से मजदूर कई प्रदेशों में जाते हैं और फिर बिचौलियों के फेर में फंस जाते हैं। हाल ही में खंडवा के खालवा के मजदूरों को छुड़ाया गया था। अब हरदा जिले के ग्राम रूठूवाला और रकटिया के 17 आदिवासी मजदूरों को कनार्टक के बीजापुर से छुड़वाया गया है।
ये है मामला: नवंबर 2021 में महाराष्ट्र के धूलघाट के ठेकेदार सीताराम और राजकुमार ने इन्हें महाराष्ट्र में गन्ना काटने का कहा और कर्नाटक के बीजापुर ले गया। ठेकेदार ने खेत मालिक से 6 लाख रुपए लिए लिए, लेकिन 17 मजदूरों को एडवांस में 5-5 हजार ही दिए। बाद में मजदूरों ने कहा कि हमारा काम खत्म हो गया है, हम घर जाना चाहते हैं। जब मजदूर अपने घर लौटने की जिद करने लगे तो खेत मालिक ने उनके साथ मारपीट की और बंधक बना लिया गया।
क्या बोले मजदूर: पीड़ित सुनीता ने कहा कि महाराष्ट्र में गन्ना काटने का बोलकर महाराष्ट्र ले जाया गया। वहां से कर्नाटक ले गए, जहां खेत मालिक ने मारपीट की और बंधक बना लिया। अजय गौतम ने बताया कि कुल 17 लोग थे। हम लोगों को बंधक बना लिया था। सुनीता मेरी पत्नी है, उसके साथ भी मारपीट की गई थी। मेरे साथ भी मारपीट की गई। मेरी गर्दन पर कुल्हाड़ी रख दी गई थी। हम लोग भाग ना जाएं, इसको लेकर 4-5 लोग हमारे पास रात में सोने आते थे।
ऐसे बचाया गया: जैसे-तैसे मजदूरों ने फोन से अपने परिजन से संपर्क किया तो ये खबर क्षेत्र के सामाजिक कार्यकर्ता करुणा शंकर शुक्ला को मिली। उन्होंने तुरंत ही सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ वकील और सामाजिक कार्यकर्ता विक्रांत कुमरे को इस घटना से अवगत कराया। विक्रांत ने कर्नाटक के बीजापुर के आईजी, डीआईजी और एसपी से संपर्क कर बंधक मजदूरों के बारे में बताया। पुलिस ने टीम गठित कर कार्रवाई की और बंधक मजदूरों को वहां से मुक्त करवाया। खंडवा पहुंचे इन मजदूरों के लिए स्थानीय सामाजिक संगठनों के कार्यकर्ताओं ने ठहरने और रुकने का इंतजाम किया था। यहां से मजदूरों को हरदा के लिए रवाना किया गया।