भोपाल. शिक्षक भर्ती पात्रता परीक्षा में ओबीसी कैंडिडेट्स की नियुक्ति अटकी हुई है। इसके खिलाफ अन्य पिछड़ा वर्ग (OBC) वर्ग के चयनित शिक्षकों (Selected teacher) ने मोर्चा खोल दिया है। रंगपंचमी के त्योहार पर चयनित शिक्षकों ने भोपाल में डेरा (Protest) डाला। यहां लोक शिक्षण संचालनालय (DPI) के बाहर 27% आरक्षण (27 percent obc reservation) देने की मांग को लेकर उग्र प्रदर्शन किया। चयनित शिक्षकों ने अपना मुंडन भी कराया। शिक्षकों का आरोप है कि सरकार जानबूझकर नियुक्ति की प्रक्रिया को आगे बढ़ा रहा है। क्योंकि सरकार इसे 2023 के विधानसभा चुनाव में भुनाना चाहती है।
जब तक नियुक्ति नहीं मिलेगी, डटे रहेंगे: चयनित ओबीसी शिक्षकों ने मांग की है कि सरकार नियुक्ति पत्र जल्दी जारी करें। उन्होंने कहा कि यदि उनकी मांगे नहीं मानी जाती है तो मंत्रियों के विधानसभा क्षेत्र में जाकर जनता से भीख मांगेंगे। वहां पर धरना प्रदर्शन कर भूख हड़ताल करेंगे। एक दिन पहले कुछ उम्मीदवारों ने मुंडन कराकर विरोध दर्ज कराया। अब इनका कहना है कि जब तक उन्हें नियुक्ति नहीं मिलेगी, वे यहीं लोक शिक्षण संचालनालय के बाहर डटे रहेंगे। इस प्रदर्शन में कांग्रेस के पूर्व मंत्री और विधायक पीसी शर्मा और महिला कांग्रेस की अध्यक्ष विभा पटेल भी शामिल हुई।
हमारी माननीय श्री @OfficeOfKNath जी की सरकार ने ही प्रदेश में ओबीसी वर्ग के लिए 27% आरक्षण लागू किया था ,जिसे वर्तमान सरकार द्वारा अभी तक सही तरीके से लागू नही किया जा सका है ,जिस कारण 2000 से अधिक ओबीसी वर्ग के इन चयनित शिक्षकों की नियुक्ति अटकी पड़ी हुई है॥ pic.twitter.com/Q72zGbh1Rt
— P. C. Sharma (@pcsharmainc) March 21, 2022
नियुक्ति इसलिए अटकी: स्कूल शिक्षा और जनजातीय कार्य विभाग, इन दोनों विभागों में उच्च माध्यमिक और माध्यमिक शिक्षकों के करीब 30 हजार पदों के लिए 2018 में नोटिफिकेशन जारी हुआ था। फरवरी-मार्च 2019 में पीईबी ने इसके लिए पात्रता परीक्षा आयोजित की। 27 फीसदी आरक्षण के मुताबिक विभागों ने चयन सूची बनाई, 10 जनवरी 2020 से जुलाई 2021 तक चयन प्रक्रिया चली अभी भी स्कूल शिक्षा विभाग में उच्च माध्यमिक और माध्यमिक शिक्षक के कुल 6 हजार पदों पर नियुक्ति बाकी है। वैसे ही जनजातीय कार्य विभाग में 3997 पदों पर नियुक्ति बाकी हैं। जबकि हाईकोर्ट ने इन विषयों में नियुक्ति देने में किसी तरह का स्थगन आदेश नहीं दिया। न ही विभाग की तरफ से कोई रोक है। केवल याचिका दायर होने पर ही नियुक्तियां रोक दी गई है। चयनित शिक्षकों में इसी को लेकर आक्रोश है।